scorecardresearch
Friday, 10 January, 2025
होमदेशविकसित देशों की ओर से जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी सहयोग की गति वैश्विक अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं: सरकार

विकसित देशों की ओर से जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी सहयोग की गति वैश्विक अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं: सरकार

Text Size:

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि विकसित देशों की ओर से ‘जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी’ सहयोग की मौजूदा गति और पैमाना जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक आकांक्षा से मेल नहीं खा रहा है।

जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी द्वारा आयोजित मेजर इकोनॉमीज फोरम (एमईएफ) की एक आभासी मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए यादव ने जलवायु प्रतिबद्धताओं पर अमल के लिए विकसित देशों का आह्वान किया तथा पिछले साल ब्रिटेन के ग्लासगो में आयोजित 26वें जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के प्रति भारत की वचनबद्धताओं को दोहराया।

यादव ने कहा कि भारत ने दुनिया में सबसे महत्वाकांक्षी ऊर्जा संक्रमण कार्यक्रमों में से एक को शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘विकसित देशों से जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी समर्थन की वर्तमान गति और पैमाने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक आकांक्षा से मेल नहीं खा रहे हैं। ऐसे में वित्त और प्रौद्योगिकियों सहित ‘क्रियान्वयन सहयोग’ उपलब्ध कराने और लक्ष्यों को बढ़ाने की जरूरत है।’

मंत्री ने सीओपी-26 के परिणामों के लिए, विशेष रूप से पेरिस समझौते नियम पुस्तिका से संबंधित बकाया मामलों पर, ‘जलवायु परिवर्तन संबंधी संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) में हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की तथा सीओपी-27 सहित 2022 में जलवायु उपायों की गति को बनाए रखने और सीओपी-26 के परिणामों के लिए एकजुट प्रयासों को और तेज करने की प्रतिबद्धता की अपील की।

भाषा सुरेश अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments