इंफाल, 27 मई (भाषा) मणिपुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह ने मंगलवार को मांग की है कि एक सरकारी बस से राज्य का नाम हटाने का आदेश देने वाले ‘अधिकारी’ को प्रदेश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला द्वारा सोमवार को इंफाल हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर से राजभवन पहुंचने को भी ‘शर्मनाक’ बताया।
इबोबी सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 61वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस भवन में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘इस बात की संभावना नहीं के बराबर है कि किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना भारतीय सेना की महार रेजिमेंट के कर्मी सरकारी बस पर मणिपुर का नाम छिपाने के लिए कर्मचारियों से कहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह सक्षम अधिकारी राज्यपाल, डीजीपी या सुरक्षा सलाहकार हो सकते हैं… जो भी हों, उन्हें किसी और नुकसान से पहले लोगों के सामने अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए।’’
सिंह ने जोर दिया कि मणिपुर का नाम 1949 में भारत में विलय से पहले सदियों से है और राज्यपाल एवं अन्य सक्षम अधिकारियों को यह समझना चाहिए।
तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने सवाल किया, ‘‘यह आदेश किसने दिया?’’
उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षाकर्मी कानून और व्यवस्था के मुद्दे को लेकर नागरिक प्रशासन की सहायता करने के लिए यहां आए हैं। लेकिन अगर महार रेजिमेंट के कर्मियों ने खुद ही यह काम किया, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?’’
मणिपुर में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब सुरक्षा कर्मियों ने 20 मई को उखरुल में शिरुई लिली महोत्सव में भाग लेने के लिए पत्रकारों को ले जा रही एक सरकारी बस के कर्मचारियों से वाहन पर राज्य का नाम ढकने के लिए कहा था।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कल राज्यपाल ने इंफाल हवाई अड्डे से राजभवन पहुंचने के लिए कुछ किलोमीटर की हेलीकॉप्टर यात्रा की… यह शर्मनाक है। सड़क जंगलों से नहीं बल्कि आम नागरिकों के रहने वाले इलाकों से होकर गुजरती है।’’
भाषा अविनाश पवनेश
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