प्रयागराज, 23 मई (भाषा) मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई की अगली तिथि चार जुलाई निर्धारित की।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की अदालत कर रही है।
शुक्रवार को हिंदू पक्ष के वकील ने अपनी बहस में कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद को मौजूदा मुकदमे में “विवादित ढांचा” के तौर पर उल्लेखित किया जाना चाहिए जिसका मुस्लिम पक्ष द्वारा विरोध किया गया।
इसके बाद मामले में अगली सुनवाई चार जुलाई निर्धारित कर दी गई।
हिंदू पक्ष ने शाही ईदगाह ढांचा हटाने के बाद जमीन का कब्जा लेने और वहां मंदिर बहाल करने के लिए 18 मुकदमे दाखिल किए हैं।
इससे पूर्व एक अगस्त 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर इन मुकदमों की पोषणीयता (सुनवाई योग्य) को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ये मुकदमे समयसीमा, वक्फ अधिनियम और उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं। उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम किसी भी धार्मिक ढांचे को परिवर्तित करने से रोकता है जो 15 अगस्त 1947 को मौजूद था।
अदालत ने 23 अक्टूबर 2024 को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी 2024 के अपने निर्णय में हिंदू पक्षों द्वारा दायर सभी मुकदमों को समेकित कर दिया था।
यह विवाद मथुरा में मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है जिसे कथित तौर पर भगवान कृष्ण के जन्म स्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाया गया है।
भाषा राजेंद्र खारी
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