नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त को समाप्त होगा। सत्र पहले निर्धारित कार्यक्रम की तुलना में एक सप्ताह अधिक समय तक चलेगा, जिसका मतलब है कि इस दौरान काफी कामकाज होगा।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 21 जुलाई से 21 अगस्त तक सत्र आहूत करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “स्वतंत्रता दिवस समारोहों के मद्देनजर 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।’
पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होना था, लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है।
सत्र की अवधि लंबी होने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश को सुगम बनाने समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने की योजना बना रही है।
सरकार, परमाणु क्षेत्र को निजी कम्पनियों के लिए खोलने की केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए परमाणुवीय नुकसान के लिए सिविल दायित्व अधिनियम, 2010 और परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करने की योजना बना रही है।
विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग कर रहा है, जिसके तहत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया था।
विपक्षी दल भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान परमाणु युद्ध को टालने के लिए मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावों पर भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने फोन पर ट्रंप से कहा था कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी कभी स्वीकार नहीं करेगा।
मोदी ने ट्रंप से यह भी कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय पाकिस्तान के अनुरोध के बाद लिया गया था।
भाषा जोहेब नरेश
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