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Friday, 22 November, 2024
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एयर इंडिया में पेशाब की घटना कोई अकेली नहीं, क्रू ने कहा- ‘कई कहानियां दर्ज ही नहीं होती’

एयर इंडिया का मामला एविएशन प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े करता है. दिप्रिंट ने कई केबिन क्रू से बात की जिनका कहना है कि डी-एस्केलेशन पर जोर देने की ज़रूरत है.

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नई दिल्ली/मुंबईः फ्लाइट में पेशाब करने का हालिया किस्सा कोई अकेली घटना नहीं है. वर्तमान और एक्स केबिन क्रू सदस्यों का कहना है कि सालों से ऐसी कई ‘काली कहानियां’ बंद दरवाज़ों के पीछे छिपी हैं. चुप्पी का यह सिलसिला अब एयर इंडिया की दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में हुई इस घटना से टूट रहा है. सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या कागज़ों पर दर्ज किए गए प्रोटोकॉल का असल में पालन हो रहा है.

एक्स फ्लाइट अटेंडेंट नित्या वालिया ने कहा, ‘कुछ पैसेंजर्स को लगता है कि जब वे फ्लाइट का टिकट खरीदते हैं, तो उन्होंने फ्लाइट, क्रू मेंबर्स और बाकी सभी को खरीद लिया है. हकदारी की इस भावना को रोकने के लिए नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए.’

उन्होंने कहा ‘जब कोई पैसेंजर पहले से ही नशे में हो तो सतर्क रहना और कार्रवाई करना ग्राउंड स्टाफ का कर्तव्य है.’

वालिया ने कहा, ‘डी-एस्केलेशन उन महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जिन पर ध्यान देने की ज़रूरत है. क्रू को न केवल ट्रैनिंग देने की ज़रूरत है, बल्कि मैनेजमेंट को भी इन मुद्दों पर उनके साथ खड़ा होना चाहिए.’

इस मामले में, एयर इंडिया की कानूनी टीम ने इस घटना के एक महीने बाद 28 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया.

कंपनी के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पीड़ित परिवार ने 26 दिसंबर को ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का अनुरोध किया था. इसके बाद चार जनवरी को इस मामले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी शंकर मिश्रा को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया.

एविएशन प्रोटोकॉल के मुताबिक, ‘इस तरह की किसी भी घटना की सूचना फ्लाइट के कमांडर-कैप्टन को लैंडिंग के तुरंत बाद दी जानी चाहिए. फिर इसे एयरलाइन द्वारा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को भेज दिया जाता है.’

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘घटना का उल्लेख करने वाली उड़ान की रिपोर्ट तुरंत दर्ज की जानी चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पार्टियां आपस में समझौते के लिए तैयार हो गई हैं. एयरलाइन और उसके क्रू को इसकी सूचना अधिकारियों को देनी होगी. आपसी समझौता कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सत्यापन और मूल्यांकन के लिए है.’

इंडियन एयरलाइंस के साथ 18 साल के अनुभवी एक्स फ्लाइट अटेंडेंट शौनक भागवते ने कहा कि नियमों का शायद ही कभी पालन किया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘ऐसे कई उदाहरण हैं जब यात्री नशे में होते हैं. जब मैं कैप्टन को बताता, तो वह कहते थे कि यात्री को उतारने के लिए यह आपकी जिम्मेदारी है, लेकिन इसका मेरे लिए परिणाम होगा – मुझे एक मेमो मिलेगा और एयरलाइन मुझे डी-रोस्टर कर देगी. मैनेजमेंट क्रू मेंबर्स से सवाल करता है, इसलिए हम आमतौर पर शिकायत नहीं करते हैं.’


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बदबू वाले पैर और नशे में झगड़ा

‘मेरी पत्नी नौकरों से बात नहीं करती’– यह बात एक इंडियन पैसेंजर ने एक इंटरनेशनल फ्लाइट के दौरान एक केबिन क्रू सदस्य से कही, जब उसने उसकी पत्नी से यह पूछा वह खाने में क्या लेंगी. एक्स फ्लाइट अटेंडेंट ने दिप्रिंट को बताया कि इस मामले की जानकारी तुरंत कैप्टन को दी गई और पैसेंजर से माफी मांगने को कहा गया.

उन्होंने कहा, ‘ये पेशाब करने की घटना कोई पहली नहीं.’

उसने बेंगलुरु से फ्रैंकफर्ट के लिए उड़ान के दौरान की एक घटना सुनाई, जब एक इंडियन पैसेंजर ने एक कप में पेशाब किया था. ‘वह प्लेन में चढ़ने से पहले ही नशे में था लेकिन कैप्टन का फैसला था कि उसे सवार होने दिया जाए. उसे बिजनेस क्लास के टिकट के बावजूद इकॉनमी में बिठाया गया. हालांकि, बोर्डिंग के तुरंत बाद, उसने एक कप में पेशाब किया और उसे अपनी ट्रे टेबल पर रखे रहा.’

उसने दावा किया कि उसके अलावा किसी ने ऐसा करते नहीं देखा, क्योंकि आधी रात हो चुकी थी, लाइट बुझा दी गई थी. किसी ने शिकायत नहीं की लेकिन कप से दुर्गंध के कारण उसे क्या झेलना पड़ा उसे ही मालूम है.

उन्होंने कहा, ‘उसने कप को नहीं छुआ. जब वह जगा, तो उसने मुझसे पूछा कि क्या यह सेब का जूस है. मैंने उसे खुद देखने को कहा था. उसे कुछ भी याद नहीं था कि क्या हुआ था.’ मामले को पायलट के पास ले जाया गया जिन्होंने फ्रैंकफर्ट में सेक्योरिटी को अलर्ट कर दिया था.

उसने दावा किया कि फ्लाइट से उतरते ही, उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

श्वेता भगवते, एक घरेलू एयरलाइन के साथ एक एक्स फ्लाइट अटेंडेंट 2017 में एक वाकये को याद करती हैं कि, हांगकांग-मुंबई की फ्लाइट में, इकोनॉमी क्लास वाला एक नशे में धुत पैसेंजर बिजनेस क्लास के वॉशरूम के इस्तेमाल करने की जिद कर रहा था.

उन्होंने कहा, ‘उसके जोर देने पर क्रू ने इसकी अनुमति दी, लेकिन वह 15 मिनट से अधिक समय तक अंदर रहा और बुलाने का को जवाब नहीं दे रहा था.’ मेडिकल सिचुएशन के डर से, क्रू तब तक दरवाजा खटखटाता रहा जब तक कि उस पैसेंजर ने दरवाज़ा नहीं खोल दिया.

उन्होंने कहा, ‘वह इतना नशे में था कि खड़ा भी नहीं हो पा रहा था और क्रू के एक पुरुष सदस्य को उसे बाहर निकालना पड़ा था. उसने तब एक पुरुष फ्लाइट अटेंडेंट को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया और बाकी लोगों पर चिल्लाना और चीखना शुरू कर दिया.’

मामला बढ़ गया और फ्लाइट के लैंड होने पर एयरपोर्ट सिक्योरिटी उस पैसेंजर को उतारने आ गई.

यह पूछे जाने पर कि क्या फ्लाइट की इस घटना की रिपोर्ट दायर की गई, उन्होंने बताया कि ऐसा किया गया लेकिन आरोप लगाया कि कुछ नहीं हुआ और कोई कार्रवाई नहीं की गई.

एक अन्य एक्स फ्लाइट अटेंडेंट इरा मेरानी, ने दिल्ली-फ्रैंकफर्ट फ्लाइट में एक अलग तरह के नशे की घटना को याद किया. ‘एक छोटी सी फ्लाइट, जिसमें नशे में धुत एक पैसेंजर मेरे बहुत करीब आ गया. मैं बेहद असहज महसूस कर रही थी. मैंने अपने पुरुष सहकर्मी को अलर्ट किया और उसे दखल देने को कहा, जैसे ही मेरे पुरुष सहयोगी पहुंचे, पैसेंजर गिर गया. स्थिति उत्पीड़न से मेडिकल मामले में बदल गई.’

उसने दावा किया कि उस शख्स को प्राथमिक उपचार दिया गया और लैंडिग से पहले वह ठीक हो गया.

ऐसा नहीं है कि केवल भारतीय पुरुष ही अनुचित व्यवहार करते हैं. पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट संगीता भगत ने साझा किया कि कैसे एक रूसी पुरुष पैसेंजर एक बार उनके पास आया और कॉल बटन दबाने के बजाय उनके कंधे को छूआ. उन्होंने दावा किया उसकी इस हरकत पर असहजता जताने पर वह थोड़ा आक्रामक हो गया.

उन्होंने बताया, ‘मैंने पायलट को बताया और उन्होंने अनाउंस किया कि पैसेंजर्स को नियमों का पालन करना चाहिए. उसके बाद, पैसेंजर ने माफी मांगी.’

पैसेंजर्स के बीच विवाद भी एक आम घटना है. वह दुबई-मुंबई की उड़ान में एक ही लाइन में मौजूद दो भारतीय पुरुष पैसेंजर्स को याद करती हैं, जब एक ने अपने जूते उतारे और दूसरे वाले की तरफ ले गया, तब उसने उसे बताया कि उसके पैरों से बदबू आ रही है, जिसके बाद मारपीट हो गई. क्रू को आखिरकार दोनों की सीटें बदलनी पड़ीं.


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क्या AIR INDIA ने प्रोटोकॉल का पालन किया?

प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन बाद 5 जनवरी को एयर इंडिया ने डीजीसीए को बताया कि उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को घटना के बारे में सूचित नहीं किया क्योंकि महिला ने ‘कार्रवाई के करने के अनुरोध को टाल दिया.’ डीजीसीए ने विमान में सवार एयर इंडिया के सभी 20 क्रू सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी, एयर इंडिया के सूत्रों ने पुष्टि की कि न केवल एयरलाइन के टॉप प्रबंधन को मेल में मार्क किया गया था बल्कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कम से कम दो सदस्यों को सूचित किया गया था. दिप्रिंट ने कुछ प्रश्नों के साथ एयर इंडिया से संपर्क किया है. जवाब आने के बाद खबर को अपडेट किया जाएगा.

एक इंटरनल ईमेल में, कैंपबेल विल्सन, सीईओ और प्रबंध निदेशक, एयर इंडिया ने कथित तौर पर कर्मचारियों को बताया था, ‘हमारी फ्लाइट में इस तरह की अनुचित घटना हुई है, हमें इसे जल्द से जल्द अधिकारियों को रिपोर्ट करना चाहिए, भले ही हमें मानते हों कि इसमें शामिल पक्षों के बीच मामला सुलझा लिया गया है.’

शनिवार को अपने एक बयान में, विल्सन ने कहा कि चार केबिन क्रू सदस्यों और एक पायलट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और जांच लंबित है.

दिल्ली पुलिस ने एयर इंडिया की फ्लाइट के पायलट समेत क्रू के आठ सदस्यों को भी समन जारी किया है. सूत्रों ने पुष्टि की कि क्रू के चार सदस्य पहले ही जांच में शामिल हो चुके हैं.

विल्सन के बयान में कहा गया है, ‘इस बात की इंटर्नल जांच की जा रही है कि फ्लाइट में शराब पीने, घटना से निपटने, बोर्ड को शिकायत करने और शिकायत से निपटने समेत कर्मचारियों से कोई चूक हुई है या नहीं.’

उन्होंने कहा कि पीड़ित पैसेंजर से शिकायत मिलने पर एयरलाइन ने 30 नवंबर को महिला और उसके परिवार से संपर्क किया. एयरलाइन का कहना है कि टिकट का रिफंड दो दिसंबर को किया गया, लेकिन महिला के परिवार ने 16 दिसंबर को पैसे आने की बात स्वीकार की है.

मामले की समीक्षा के लिए 10 दिसंबर को एक आंतरिक समिति का गठन किया गया, जिसके बाद मिश्रा पर 30 दिन के लिए उड़ान भरने का प्रतिबंध लगाया गया है.

उन्होंने कहा कि 20, 21, 26 और 30 दिसंबर को एयरलाइन के वरिष्ठ कर्मचारियों, पीड़िता और उसके परिवार के बीच कार्रवाई और चर्चा के लिए चार बैठकें की गईं.

(अनुवादः फाल्गुनी शर्मा | इंद्रजीत)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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