नैनीताल, 22 मई (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को खनन सचिव को स्टोन क्रशर के लिए आबादी वाले क्षेत्रों से दूर अलग जोन स्थापित करने के निर्देश दिए।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने खनन सचिव को छह सप्ताह के भीतर स्टोन क्रशर जोन के लिए स्थानों को चिह्नित करने तथा अदालत के सामने हलफनामे के रूप में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
अदालत ने ये भी निर्देश दिए कि अगले आदेशों तक नए स्टोन क्रशर न लगाए जाएं।
मामले के अनुसार, देहरादून जिले में फतेह टांडा गांव के निवासी महेंद्र सिंह ने अन्य ग्रामीणों के साथ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा था कि कृषि भूमि के पास स्थित बालाजी स्टोन क्रशर से उनकी फसलों की पैदावार पर बुरा असर पड़ रहा है।
याचिका में यह भी कहा गया कि स्टोन क्रशर ने उनकी सिंचाई की नहर पर भी अतिक्रमण कर लिया है और उससे गंभीर प्रदूषण हो रहा है। याचिका में अनुरोध किया गया था कि ग्रामीणों की आजीविका और स्वास्थ्य को देखते हुए स्टोन क्रशर को बंद कर दिया जाए।
उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेशों और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों के मद्देनजर अदालत ने खनन सचिव को स्टोन क्रशर को हर गांव में स्थापित करने के बजाय उनके लिए आबादी क्षेत्र से दूर अलग जोन बनाने के निर्देश दिए।
भाषा सं दीप्ति आशीष
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