तिनसुकिया (असम), सात अक्टूबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य के छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने के लिए गठित मंत्रियों का समूह (जीओएम) नवंबर में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट राज्य विधानसभा में पेश की जाएगी और सदन में चर्चा के परिणाम के आधार पर मामले को आगे बढ़ाया जाएगा।
छह समुदाय मोरन, मटक, अहोम, चुटिया, कोच-राजबोंगशी और चाय जनजातियां कई वर्षों से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक दल भी इसका समर्थन कर रहे हैं, हालांकि किसी भी सत्तारूढ़ सरकार द्वारा यह मांग पूरी नहीं की गई है।
शर्मा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी सरकार ने इस मामले पर विचार के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया है। यह 25 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद, इसे चर्चा के लिए विधानसभा में रखा जाएगा। विधानसभा में लिए गए निर्णय के आधार पर, मामले को आगे बढ़ाया जाएगा।’
उनसे छह समुदायों की मांग की स्थिति के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था कि पहले से ही अनुसूचित जनजाति घोषित जनजातियों के लाभों में बाधा नहीं डाली जानी चाहिए, जबकि छह समुदायों को समान अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लेकिन मामले पर गौर करने के बाद हमने पाया है कि किसी न किसी रूप में, कुछ लाभ होंगे और कुछ व्यवधान भी। विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कुछ संशोधनों की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए हमें रिपोर्ट आने तक इंतज़ार करना होगा।’
सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा नीत राज्य सरकार ने मंत्री समूह का गठन किया था, जिसे बाद में शर्मा सरकार के सत्ता में आने के बाद पुनर्गठित किया गया था।
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