नई दिल्ली: राजधानी में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने कई कड़े और ठोस कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इसके तहत दिल्ली की सभी लोक निर्माण विभाग (PWD) सड़कों पर बड़े पैमाने पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए 200 मेंटेनेंस वैन अलग-अलग इलाकों में तैनात की गई हैं.
इस अभियान में सड़कों से धूल और मलबा हटाना, गड्ढों की त्वरित मरम्मत, टूटे हुए संकेत बोर्ड ठीक करना और जरूरी मेंटेनेंस कार्य शामिल हैं.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस पूरी मुहिम के लिए अधिकारियों को अलग-अलग स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सड़कों के किनारे लगे पेड़ों की कटाई-छंटाई के लिए भी अलग मेंटेनेंस वैन तैनात की गई हैं.
सीएम गुप्ता ने कहा कि विभिन्न विभाग मिलकर प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए काम कर रहे हैं. औद्योगिक इलाकों और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए अलग टीमें बनाई गई हैं. साथ ही, जिन इलाकों को प्रदूषण ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में पहचाना गया है, वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
PWD ने अपनी सभी सड़कों और राइट-ऑफ-वे क्षेत्रों में गहरी सफाई और धूल नियंत्रण का विशेष ड्राइव शुरू किया है. हर मेंटेनेंस वैन को रोजाना कम से कम 200 मीटर सड़क की गहरी सफाई का लक्ष्य दिया गया है. हर वैन की जवाबदेही एक जूनियर इंजीनियर या असिस्टेंट इंजीनियर को सौंपी गई है.
दिल्ली में PWD की लगभग 1,400 किलोमीटर सड़कों पर यह काम तेजी से चल रहा है. इसके तहत धूल हटाना, फुटपाथ ठीक करना, सिग्नेज सुधारना, स्ट्रीट लाइट और खुले तारों की मरम्मत भी की जा रही है. वरिष्ठ अधिकारी हर सप्ताह प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि 45 दिनों के भीतर यह पूरा काम पूरा हो जाए. समयसीमा में काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रेखा गुप्ता ने कहा कि सड़कों और पेड़ों की सही देखभाल से दिल्ली की हवा में सुधार लाने का लक्ष्य है. “हमारा प्रयास है कि धूल और मलबा हटाकर प्रदूषण के बड़े स्रोतों पर सीधा असर डाला जाए. यह अभियान खत्म होने के बाद भी नियमित सफाई और मेंटेनेंस जारी रहेगा.”
