शिमला, तीन जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य नशा मुक्त नहीं हो जाता तथा सभी 68 विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए कहा जाएगा।
शुक्ला ने यहां राजभवन में पत्रकारों से से कहा, ‘‘मेरा ध्यान मादक पदार्थों के दुरुपयोग की बुराई के बारे में जागरूकता पैदा करके, विशेष रूप से ‘चिट्टा’ (मिलावटी हेरोइन) की मांग को कम करने पर है। इस महीने, मैं इस संबंध में रोहड़ू और चिदगांव का दौरा करूंगा।’’
महिला मंडलों समेत सामाजिक खुफिया एकीकृत नेटवर्क प्रणाली और कॉलेज की छात्राओं, जैसे अनाम स्रोत नेटवर्क के माध्यम से जुटायी गयी जानकारी से पिछले वर्ष दिसंबर में नशीली दवाओं के 50 तस्करों को पकड़ने में मदद मिली, जो रोहड़ू और आसपास के क्षेत्रों में नशे के आदी और आपूर्तिकर्ता बन गए थे।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सभी 68 विधायकों को पत्र लिखकर उनसे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में नशे की समस्या के खिलाफ अभियान चलाने को कहा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ विधायक मुझसे मिल चुके हैं और उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में नशे की समस्या के खिलाफ अपने प्रयासों के बारे में मुझे जानकारी दी है। समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर राज्य से नशे की समस्या को खत्म करने की जरूरत है।’’
जब उन्हें बताया गया कि कथित तौर पर बड़ी संख्या में लड़कियां भी नशे की लत की शिकार हैं और तस्करी में संलिप्त हैं तथा राज्य में महिलाओं के लिए कोई समर्पित पुनर्वास केंद्र नहीं है, तो शुक्ला ने चिंता व्यक्त की और कहा कि वह राज्य सरकार से इस दिशा में कदम उठाने के लिए कहेंगे।
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राजकुमार सुरेश
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