गोंडा (उप्र), 28 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के सांसद स्वामी सच्च्दिानंद हरि साक्षी महाराज ने शनिवार को ज्ञानवापी मामले पर कहा कि अदालत के आदेश पर गठित टीम के सर्वे में मिले साक्ष्यों ने हिंदू समाज को सुखद अनुभूति प्रदान की है।
सदर तहसील के अन्तर्गत सोनबरसा पोखरा पर संत खरखर दास आश्रम द्वारा आयोजित भंडारे में शामिल होने पहुंचे उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि आक्रांताओं ने मंदिरों का स्वरूप बदलने के बाद कई अवशेष छोड़ दिए थे। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ की भूमि पर ज्ञानवापी में न्यायालय के आदेश पर गठित टीम की ओर से किए गए सर्वे में मिले साक्ष्यों ने हिंदू समाज को सुखद अनुभूति प्रदान की है।
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछली 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराए जाने का निर्देश दिया था। सर्वे का यह काम पिछली 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। हिंदू पक्ष ने सर्वे के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है।
लोकसभा सांसद ने कहा कि अब सच्चाई सामने आ चुकी है, सत्य को कुछ दिन तक दबाया जा सकता है, किन्तु पूरी तरह झुठलाया नहीं जा सकता। उन्होंने दावा किया कि काशी में भी श्रृंगार गौरी मंदिर की भव्यता देखने लायक होगी।
उन्होंने कहा कि मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि का फैसला भी शीघ्र होगा, साथ ही ताजमहल का मामला भी अदालत में पहुंच चुका है। साक्षी महाराज ने कहा कि देश के सभी जाति-धर्म के लोगों को देश के संविधान और न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘विधर्मियों और मुगलों ने हमारे धर्म को नष्ट करने का प्रयास किया और वामपंथियों ने उसे मनमाफिक तोड़ा—मरोड़ा, लेकिन इसके बावजूद हमारी संस्कृति आज तक अमिट रही है।’’
साक्षी महाराज ने कहा कि आक्रांताओं ने मंदिरों का स्वरूप बदलने के बाद कई अवशेष छोड़ दिए थे, लेकिन वर्तमान में काल और परिस्थिति ने करवट लिया तथा सत्ता के शीर्ष पर एक योगी विराजमान हुआ तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो गया।
उन्होंने कहा कि संत और धर्माचार्यों की तपस्या सफल हुई और आज अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार से काशी में नंदी की भी वर्षों की तपस्या सफल हो गई है। ज्ञानवापी मस्जिद की असलियत सामने आ चुकी है। यहां दूसरे संप्रदाय के आक्रांताओं ने उसका स्वरूप बदलकर मस्जिद बना दिया था। अब सर्वे रिपोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है।’’
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