कोझिकोड (केरल), तीन मई (भाषा) केरल के कोझिकोड स्थित सरकारी अस्पताल के एक कमरे से घना धुआं निकलने की घटना पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि इस घटना की जांच विद्युत निरीक्षण विभाग द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही धुआं निकलने की असली वजह का पता चल सकेगा।
विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की आलोचना की और अस्पताल के एक कमरे से घना धुआं निकलने के बाद हुई पांच मरीजों की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
अस्पताल प्रशासन ने हालांकि स्पष्ट किया है कि किसी भी मरीज की मौत धुएं के कारण नहीं हुई लेकिन कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि मृतकों के परिजनों की शंकाओं को दूर करना आवश्यक है।
नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज पहले ही कोझिकोड के लिए रवाना हो चुकी हैं।
इस बीच, मेडिकल कॉलेज पुलिस ने कहा कि उन्होंने धुएं की घटना के बाद सरकारी अस्पताल में हुई तीन मरीजों की मौत के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है।
कांग्रेस ने राज्य सरकार से मांग की है कि पांचों मृतकों का पोस्टमार्टम कराया जाए और उन मरीजों के इलाज का खर्च भी सरकार उठाए जिन्हें धुएं की घटना के बाद पास के अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया।
शुक्रवार शाम सात बजे सरकारी मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग भवन के अंदर यूपीएस कक्ष से घना काला धुआं निकलता देखा गया, जिससे मरीजों और उनके आसपास खड़े लोगों में दहशत फैल गई।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, इमारत में अचानक फैले धुएं की वजह शॉर्ट सर्किट होने की आशंका जताई जा रही है।
कांग्रेस के वायनाड विधायक टी. सिद्दीकी ने शनिवार को आरोप लगाया कि कुछ मौतें धुएं के कारण हुई हैं और अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के मानकों में भारी चूक हुई है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस पहलू की अलग से जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही हुई है और इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘सरकार को मरीजों की मौत के कारणों की उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध होना चाहिए। जांच में सभी पहलुओं को सामने लाया जाना चाहिए।’
इससे पहले कांग्रेस कमेटी की जिला इकाई के अध्यक्ष के. प्रवीण कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग आमतौर पर मृत अवस्था में लाए गए लोगों का भी पोस्टमार्टम कराता है, तो इस मामले में भी कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए जरूरी सुरक्षा उपाय किए जाएं।
कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया कि घटना के बाद जिन मरीजों को निजी अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया, उनसे अस्पतालों ने अत्यधिक शुल्क वसूला।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और जिलााधिकारी से बात की है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृतक मरीजों का खर्च वहन करे तथा उनके परिजनों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज तक विरोध मार्च निकाला और मांग की कि सच्चाई सामने लाने के लिए मरीजों का पोस्टमार्टम किसी अन्य अस्पताल में कराया जाना चाहिए।
बाद में पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को वहां से हटा दिया।
भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की और इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एक व्यक्ति को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था, जबकि बाकी मरीज पहले से ही गंभीर हालत में थे।
अस्पताल प्रशासन का यह भी कहना है कि इन मरीजों की हालत बिगड़ने या मौत का कारण धुआं नहीं था।
घटना के तुरंत बाद स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि नजदीकी अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
भाषा योगेश संतोष
संतोष
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