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Wednesday, 12 March, 2025
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बच्चों के जीवन पर आधारित डीसीपीसीआर की पत्रिका के सम्पादन मंडल को मिले दो विशेषज्ञ सदस्य

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नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी तथा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति बच्चों के जीवन पर आधारित डीसीपीसीआर की पत्रिका के संपादन मंडल में शामिल हो गए हैं।

बयान के मुताबिक, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने अपनी पत्रिका ‘चिल्ड्रन फर्स्ट’ का पहला अंक नवंबर 2021 में जारी किया था।

बयान में कहा गया है कि पत्रिका के उद्घाटन अंक ने कई शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और बाल अधिकारों के क्षेत्र के अन्य लोगों को एक मंच पर एक साथ आने और बच्चों के जीवन को बेहतर ढंग से समझने में लोगों की मदद के लिए अपनी राय और शोध साझा करने का अवसर दिया।

बयान में कहा गया है, ‘द्विवार्षिक पत्रिका के क्षितिज का विस्तार करने और इसकी संपादकीय क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए, सीपीआर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी यामिनी अय्यर और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति एवं कानून क प्रोफेसर श्रीकृष्ण देव राव ने पत्रिका के संपादकीय बोर्ड में शामिल होने के लिए सहमति व्यक्त की है।’

बयान के अनुसार, ‘‘विशेषज्ञ शोधकर्ता अय्यर के शोध अनेक अकादमिक प्रकाशनों और लोकप्रिय प्रेस में व्यापक रूप से प्रकाशित हुआ है। वह नियमित रूप से भारतीय समाचार पत्रों में समसामयिक और नीतिगत मामलों पर लिखती रहती हैं।’’

अय्यर ने अपने एक बयान में कहा, ‘मैं संपादकीय बोर्ड में शामिल होकर बिल्कुल खुश हूं। मेरा मानना ​​​​है कि यह पत्रिका इकलौते मुद्दे पर सख्त और अत्याधुनिक नीति अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। महान राष्ट्र और हमारे बच्चों के भविष्य की बेहतरी के लिए इस यात्रा का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’

बयान में कहा गया है कि प्रो. राव ने भारत में कानूनी सहायता और विधिक सशक्तीकरण को संस्थागत बनाने में महती भूमिका निभाई है।

राव ने कहा, ‘डीसीपीसीआर बाल अधिकारों के संरक्षण और उसे सशक्त बनाने की दिशा में उत्कृष्ट काम कर रहा है, और यह पत्रिका उनकी इच्छा को दर्शाती है। कि इसमें उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और डेटा द्वारा नीति को समाहित किया जाता है, ताकि इन मुद्दों पर सार्वजनिक बहस और बेहतर हो सके।’

भाषा सुरेश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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