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नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के सरकार के फैसले ने ‘‘असली इरादों और खोखली नारेबाजी’’ के बीच के अंतर को उजागर किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने इस कदम को ‘‘पासा पलटने वाला फैसला’’ बताया जिसका कई विपक्षी दलों ने स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण फैसले ने हमारे असली इरादों और विपक्ष की खोखली नारेबाजी के बीच के अंतर को उजागर किया है। हालांकि अधिकतर विपक्षी दलों ने इसका स्वागत किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जाति जनगणना का यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ मोदी सरकार का सैद्धांतिक और दार्शनिक मत रहा है। हमारे सभी कार्यक्रमों और योजनाओं का मूल उद्देश्य सामाजिक न्याय रहा है। समाज के सभी वर्गों को वैज्ञानिक तरीके से लाभ, सुविधाएं और सहूलियत प्रदान करना हमारा उद्देश्य रहा है।’’
सरकार ने एक बड़े फैसले के तहत बुधवार को घोषणा की कि आगामी जनगणना में जाति गणना को ‘‘पारदर्शी’’ तरीके से शामिल किया जाएगा।
सरकार ने यह घोषणा करते हुए जाति सर्वेक्षणों को ‘‘राजनीतिक उपकरण’’ के रूप में इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।
कांग्रेस सहित विपक्षी दल देश भर में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया गया है। बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कुछ राज्य पहले ही ऐसे सर्वेक्षण कर चुके हैं।
प्रधान ने जाति जनगणना की घोषणा का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस पर पलटवार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब कल यह फैसला लिया गया, तो कुछ लोग नाराज हो गए। उन्होंने कहा, ‘सरकार उनकी (सत्तारूढ़ पार्टी) है, लेकिन व्यवस्था हमारी (विपक्ष की) है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक न्याय को पटरी पर लाने के लिए 1977 की जनता पार्टी सरकार के तहत मंडल आयोग का गठन किया गया था। भाजपा का पूर्ववर्ती जनसंघ इस सरकार का हिस्सा था।’’
मंत्री ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट 10 साल तक ‘‘कालकोठरी में बंद’’ रही। उन्होंने पूछा, ‘‘तब सरकार और व्यवस्था किसके हाथ में थी?’’
प्रधान ने पूछा, ‘‘जब मंडल आयोग (सिफारिशें) लागू की गईं, तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव (गांधी) जी का क्या बयान था? कांग्रेस का क्या रुख था?’’
उन्होंने कहा कि ‘‘सरकार उनकी है लेकिन व्यवस्था हमारी है’’ कहने वालों का अहंकार और पाखंड स्पष्ट रूप से उजागर हो रहा है।
भाषा
सुरभि नरेश
नरेश
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