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Friday, 15 November, 2024
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कांग्रेस से जाने वाले के फैसले का स्वागत है और आने वाले का भी: गहलोत

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जयपुर, 26 जनवरी (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस इस देश में आंदोलन की तरह है और कुछ नेताओं के छोड़कर जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से जाने वालों के फैसले का भी स्वागत है और आने वालों का भी और इस पर अधिक चर्चा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी दावा किया कि ‘‘देश में अशांति, तनाव व अविश्वास का माहौल है और तमाम केंद्रीय सरकारी एजेंसियां दबाव में काम कर रही हैं।’’

गहलोत 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उत्तर प्रदेश और अन्य चार राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कुछ नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा, ‘‘कांग्रेस इतना बड़ा संगठन है… कांग्रेस देश में एक आंदोलन की तरह है, इसका 135 साल का लंबा इतिहास है, यह समुद्र की तरह है, इसमें पहले भी कई बड़े-बड़े लोग गए और उन्हें वापस आना पड़ा। इसका इतिहास गवाह है।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी का देश में अपना एक आभामंडल है और देश में यही एक पार्टी है जो पूरे देश के हर गांव में, हर घर में मिलेगी… कोई छोड़कर जाए कोई फर्क नहीं पड़ता है, जाए उसके फैसले का स्वागत है, आए उसका स्वागत है। मैं समझता हूं कि इन बातों की ज्यादा चर्चा नहीं करनी चाहिए।’’

गहलोत ने कहा कि गणतंत्र दिवस हर साल हमारे लिए एक नया उत्साह, नई उमंग लेकर आता है। गणतंत्र दिवस एक संकल्प लेने का अवसर देता है कि आने वाले वक्त में हम लोग संविधान को और मजबूत करें। उन्होंने कहा, ‘‘आज संविधान हो, चाहे लोकतंत्र हो, उसके लिए ऐसा माहौल बन गया है कि पता नहीं आने वाले समय में क्या होगा। तमाम एजेंसियों पर दबाव है, चाहे वह न्यायपालिका हो, चाहे अन्य एजेंसियां हों। अशांति का माहौल है, अविश्वास का माहौल है, तनाव का माहौल है।’’

वाणिज्यिक बैंकों से लिया कर्ज नहीं चुका पाने वाले किसानों की जमीनें नीलाम किए जाने के नोटिस व कार्रवाई संबंधी विधेयक के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पांच एकड़ तक की जमीन की कुर्की नहीं हो, इसके लिए हमने विधानसभा में दीवानी प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया। विधेयक राज्यपाल महोदय को भेजा हुआ है और वह उसे केंद्र को भेजेंगे। अगर केंद्र सरकार मान लेगी, संशोधन हो जाएगा, उसके बाद में किसानों की पांच एकड़ तक की जमीन कुर्क नहीं हो सकती है, यह हमारी भावना है।’’

भाषा पृथ्वी पवनेश वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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