नई दिल्ली: पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों में मृतकों की संख्या बढ़ने का सिलसिला जारी है. हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि आज तीन शव बरामद किए गए हैं. इनमें से एक लाश गोकलपुरी के नहर से और दो भागीरथी विहार के नहर से मिली है.
हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पुष्टि की कि आज तीन शव बरामद किए गए हैं-एक गोकलपुरी के नहर से और दो भागीरथी विहार नहर से। #DelhiViolence
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2020
दिल्ली दंगे में अब तक 45 की मौत
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 167 प्राथमिकी दर्ज की है और 885 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि आयुध अधिनियम के तहत 36 मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट पर भड़काऊ पोस्ट लिखने के लिए 13 मामले दर्ज किए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अवैध और आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार करने के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए गए हैं. सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया को ऑनलाइन प्लेटफार्म का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने का परामर्श जारी किया गया है.
पुलिस ने कहा कि लोगों से भी अपील की गई है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने में सावधानी बरतें. हिंसा में अब तक 45 लोगों की मौत हो गई है और 250 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
मानवाधिकार आयोग ने फैक्ट फाइंडिंग का गठन किया
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों की जांच करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग का गठन किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
पिछले सप्ताह की शुरुआत में उत्तरपूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया. यह तीन दशक में सबसे भयानक दंगा था.
एक अधिकारी के अनुसार, ‘एनएचआरसी ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को नियुक्त किया है.’
बयान में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में और विशेष रूप से उत्तर-पूर्व जिले में हिंसा का संज्ञान लिया है, जैसा कि मीडिया में रिपोर्ट किया गया है, और अपने महानिदेशक (जांच) को निर्देश दिया था कि इन घटनाओं के कारण मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की मौके पर जांच करने के लिए तथ्यान्वेषी दल को तैनात करें.’
आरएसएस की बैठक में छाया रह सकता है दिल्ली हिंसा का मुद्दा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था की 15 मार्च से शुरू होने वाली तीन दिवसीय वार्षिक बैठक की कार्यवाही में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक बेंगलुरु में 15-17 मार्च को होगी. प्रतिनिधि सभा संघ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है जो निर्णय लेने और भविष्य की कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए साल में एक बार बैठक करती है.
संघ से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी महासचिव (संगठन) बी एल संतोष के इस अहम बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है. संघ के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि दिल्ली में हालिया हिंसा, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर बौद्धिक सत्र के दौरान चर्चा होने की संभावना है.
पदाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में संघ की दिल्ली इकाई को हिंसा पर विस्तृत जानकारी के साथ आने के लिए कहा जा सकता है.
वार्षिक बैठक में संघ को अनछुए इलाकों में पहुंच बनाने और लोगों से संपर्क कायम करने के तरीकों पर भी चर्चा होगी. संघ ने कहा कि बैठक में शाखाओं में सुधार और प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या में इजाफा समेत संघ के कार्य में विस्तार तथा उनके समेकन के लिए योजना पर भी चर्चा होगी.
इसके अनुसार अलग-अलग इकाइयां आगामी वर्ष के लिए अपनी नयी कार्यप्रणाली एवं अनुभव को साझा करेंगी. तीन दिवसीय बैठक के दौरान देश भर से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करेंगे.
संघ ने कहा कि विभिन्न इलाकों में काम करने वाले स्वयंसेवक और विभिन्न संगठनों के जरिए समाज के कई वर्गों को अपने अनुभव साझा करने और राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया है.
राष्ट्र सेविका समिति से महिला प्रतिनिधियों को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. बैठक का संचालन संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में करेंगे.
दंगा प्रभावित इलाकों में स्थिति शांतिपूर्ण
सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित हुई उत्तर पूर्वी दिल्ली में रविवार की सुबह स्थिति शांतिपूर्ण रही. उत्तरपूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है. सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल नियमित रूप से स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहे हैं.
दिल्ली: बीते दिनों हिंसा से प्रभावित रहे जाफ़राबाद में अब हालात सामान्य हैं। इलाके में सुरक्षा बल अभी भी तैनात हैं, लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। #NortheastDelhi pic.twitter.com/8e1kF0jE53
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 1, 2020
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘स्थिति अब नियंत्रण में है. उत्तरपूर्वी जिले के सभी इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात हैं. हम लोग स्थानीय लोगों से बातचीत कर रहे हैं और उनमें आत्मविश्वास पैदा का प्रयास कर रहे हैं.’ उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में जिले में किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है. पुलिस वहां निवासियों से सोशल मीडिया पर आने वाली अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और इस बारे में अधिकारियों को सूचित करने का अनुरोध कर रही है.
शनिवार को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस के कार्यवाहक प्रमुख एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी प्राथमिकता शांति बहाल करना और राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना है, जहां इस सप्ताह की शुरुआत में तीन दशक में सबसे भीषण दंगे हुए. दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त अमूल्य पटनायक के सेवानिवृत्त होने के बाद श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
पुलिस ने व्यापक संपर्क कार्यक्रम शुरू किया है और लोगों में आत्मविश्वास भरने के लिए वरिष्ठ अधिकारी हर समुदाय के लोगों से मिलकर उनसे बातचीत कर रहे हैं. उत्तरपूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार में हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
बड़ी संख्या में संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. उपद्रवियों की भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी और स्थानीय लोगों एवं पुलिसकर्मियों पर पथराव किया.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)