बेंगलुरु, 16 मई (भाषा) कर्नाटक में अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण की सिफारिश करने के वास्ते प्रमाणिक डेटा एकत्र करने के लिए जारी सर्वेक्षण की समय सीमा बढ़ा दी गई है।
सर्वेक्षण की समयसीमा बढ़ाए जाने की घोषणा कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच एन नागमोहन दास ने की। दास इस अभियान की निगरानी करने वाले आयोग के प्रमुख हैं।
तीन चरणों वाली डेटा संग्रहण प्रक्रिया पांच मई को शुरू हुई। घर-घर जाकर किया जाने वाला सर्वेक्षण पहले 17 मई को समाप्त होने वाला था, लेकिन अब यह 25 मई तक जारी रहेगा।
जो लोग इस अवधि के दौरान शामिल नहीं हो पाए थे, वे 26 से 28 मई तक निर्धारित शिविरों में पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा, 19 से 28 मई तक ऑनलाइन स्व-घोषणा का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।
यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नागमोहन दास ने कहा, ‘‘कुछ तकनीकी समस्याएं थीं, जिन्हें हम दूर करने में सफल रहे। सर्वेक्षण सुचारू रूप से जारी है और प्रगति हमारी उम्मीद से कहीं अधिक है। आज हमें जो अतिरिक्त समय दिया गया है, मुझे विश्वास है कि हम सौ प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा कर लेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जानकारी के अनुसार हमने पहले ही 72 प्रतिशत प्रगति हासिल कर ली है। हमें समय सीमा से पहले 90 प्रतिशत प्रगति हासिल करने का भरोसा था, लेकिन जब विभिन्न संगठनों और नेताओं ने विस्तार का अनुरोध किया तो सभी कारकों पर विचार करते हुए, हमने विस्तार करने का निर्णय लिया है।’’
अधिकारियों के अनुसार, कर्नाटक में अनुमानित 25.72 लाख अनुसूचित जाति के परिवार हैं।
भाषा शुभम सुरभि
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