जयपुर, 30 अगस्त (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021 पर उच्च न्यायालय के फैसले से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दोहरा चरित्र सामने आ गया है।
गहलोत ने कहा कि पूरे देश में बेरोजगारी की वजह से ऐसा माहौल बन गया है कि तमाम राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
उन्होंने दावा किया कि राज्य में उनकी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदम देशभर में एक मिसाल बने।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने पेपर लीक के मद्देनजर विवादास्पद ‘पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021’ को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया।
गहलोत ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पूरे देश में बेरोजगारी की वजह से ऐसा माहौल बन गया है कि तमाम राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं सामने आती रहती हैं। सेना, ‘ज्यूडिशियरी’ और मेडिकल की नीट परीक्षा तक के पेपर लीक हुए, जिससे देशभर में विवाद हुए।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल समेत अनेक राज्यों में 50 से ज्यादा पेपर लीक की घटनाएं हुईं। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं रहा, लेकिन जैसे सख्त कदम राजस्थान में उठाए गए, वे देशभर में एक मिसाल बने।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में पेपर लीक के खिलाफ पहले 10 साल की सजा, फिर इसे बढ़ाकर उम्रकैद तक की सजा और 10 करोड़ रुपये जुर्माना, दोषियों की संपत्ति कुर्क करने जैसा कठोर कानून सबसे पहले राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ही बनाया था। इस कानून के बाद ही केंद्र सरकार ने कानून बनाया, लेकिन सजा का प्रावधान कम रखा।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘2021 में कांग्रेस सरकार ने पूर्व आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) महेन्द्र कुमावत की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, जिसने परीक्षा प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए सुझाव दिए जिनके आधार पर परीक्षा प्रणाली में सुधार किए गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार के दौरान पेपर लीक, नकल आदि पर कार्रवाई के लिए विशेष ऑपरेशन समूह (एसओजी) में ‘एंटी चीटिंग सेल’ का गठन किया गया था, जिसने ऐसे कृत्यों में लिप्त सैकड़ों लोगों को जेल में बंद किया।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारी सरकार के दौरान जिस परीक्षा में गड़बड़ी सामने आई, उसके अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और परीक्षा को रद्द कर दिया गया। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को भी कांग्रेस सरकार के दौरान पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया गया, जिससे एक संदेश दिया जा सके कि आरोपी किसी भी स्तर का व्यक्ति हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार के समय रीट परीक्षा लेवल-दो में अनियमितताएं सामने आईं थीं, जिसे सरकार ने रद्द कर दिया और समयबद्ध तरीके से पुनः परीक्षा आयोजित करवाई। तब पदों की संख्या को 32,000 से बढ़ाकर 50,000 से अधिक युवाओं को नौकरी दी गई थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एसओजी ने बताया था कि कुछ 70-80 लोगों तक पेपर पहुंचा, लेकिन हमने विश्वास बहाल रखने के लिए सख्त कदम उठाए।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर उच्च न्यायालय के फैसले ने भाजपा के दोहरे चरित्र को जनता के सामने ‘एक्सपोज’ (बेनकाब) कर दिया है। भाजपा जनता में तो सब-इंस्पेक्टर परीक्षा को लेकर अलग बातें करती है, लेकिन अदालत में इस परीक्षा को रद्द न करने के लिए प्रयास करती रही।’’
भाषा पृथ्वी खारी
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