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Wednesday, 13 August, 2025
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ओबीसी की नयी सूची पर रोक के खिलाफ प.बंगाल की याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगा न्यायालय

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सहमति जताई कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की नयी सूची पर रोक से संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगा।

प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करने के बाद मामले की सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की।

सिब्बल ने कहा कि नयी सूची को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई थी, जिसमें राज्य को कानून बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था जो पिछले फैसलों के विपरीत है।

प्रधान न्यायाधीश गवई ने बताया कि 1992 के इंदिरा साहनी फैसले (जिसे मंडल आयोग का फैसला भी कहा जाता है) से ही यह माना जाता है कि कार्यपालिका ओबीसी की पहचान कर सकती है।

सिब्बल ने कहा कि इस संबंध में उच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर की गई है। उन्होंने कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसी कोई अवमानना नहीं की गई है।

राज्य सरकार ने नयी ओबीसी सूची पर रोक लगाने वाले 17 जून के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।

मई 2024 में उच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी सूची में 77 समुदायों को शामिल करने के फैसले को रद्द करने के बाद राज्य ने नयी सूची तैयार की।

राज्य सरकार ने एक अलग याचिका में मई के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी और बाद में उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि वह ओबीसी की पहचान के लिए नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करेगी।

उच्च न्यायालय ने नयी ओबीसी सूची पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया राज्य उन्हीं ओबीसी वर्गों को फिर से शामिल करने का प्रयास कर रहा है जिन्हें उसने पहले रद्द कर दिया था।

भाषा सुरभि माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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