नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ओडिशा के सतकोसिया बाघ अभयारण्य में कथित अवैध निर्माण पर चिंता जताने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को सहमत हो गया।
प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ से अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई आवश्यक है।
पीठ ने कहा कि वह इस पर बाद में सुनवाई करेगी।
बंसल ने संरक्षित क्षेत्र में पारिस्थितिकी पर्यटन (‘इको-टूरिज्म’) से संबंधित निर्माण कार्यों के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कथित अनुमति दिए जाने पर भी चिंता व्यक्त की।
पारिस्थितिकी पर्यटन से तात्पर्य ऐसे पर्यटन से है जिसमें प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा के दौरान स्थानीय वन्य जीवन, पर्यावरण एवं स्थानीय निवासियों का ध्यान रखा जाता है और इस पर्यटन से उन्हें लाभ पहुंचता है।
बंसल ने कहा, ‘‘जिलाधिकारी ने पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल के निर्माण के लिए अनुमति जारी की हैं। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है?’’
वकील ने कहा, ‘‘मैं तो बस जंगलों के लिए लड़ रहा हूं।’’
ओडिशा के अंगुल, कटक, नयागढ़ और बौध जिलों में फैला सतकोसिया अभयारण्य बाघों, हाथियों और कई लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए अहम आवास है।
भाषा सिम्मी नरेश
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