नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उस याचिका को दूसरी पीठ को हस्तांतरित कर दिया जिसमें तमिलनाडु में सार्वजनिक स्थानों से राजनीतिक दलों के स्थायी ध्वज स्तंभों को हटाने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि इसी तरह की एक याचिका पर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की है।
पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली समन्वय पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए और यदि आवश्यक हो, तो भारत के प्रधान न्यायाधीश से उचित आदेश लिया जा सकता है।’’
मद्रास उच्च न्यायालय ने इससे पहले एकल पीठ द्वारा पारित उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें सभी राजनीतिक दलों और सामुदायिक एवं धार्मिक संगठनों को तमिलनाडु में सार्वजनिक स्थानों पर उनके द्वारा लगाए गए स्थायी ध्वज स्तंभों को 12 सप्ताह के भीतर हटाने का निर्देश दिया गया था।
पार्टी ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दलील दी थी कि वह देश में मजदूर वर्ग की क्रांतिकारी अगुआ रही है और वह तथा उसकी सहयोगी संस्था, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स, दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने झंडों पर चित्रांकन के जरिये जनता से जुड़े रहें।
याचिका में कहा गया था कि उच्च न्यायालय के व्यापक निर्देश ‘‘अनुचित न्यायिक कानून’’ के समान हैं और इसके परिणामस्वरूप मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
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