नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जांच एजेंसियों द्वारा वकीलों को तलब किए जाने के मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला शुरू किया है।
प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन तथा न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अदालत पुनः खुलने पर 14 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।
न्यायालय ने यह कदम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से कुछ वरिष्ठ वकीलों को तलब किये जाने के बाद उठाया गया है। हालांकि, बाद में जांच एजेंसी ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे धन शोधन मामलों की जांच के दौरान आरोपी व्यक्ति के वकील को समन जारी न करें।
ईडी ने 20 जून को जारी एक पत्र में कहा था कि किसी वकील को एजेंसी के निदेशक की ‘अनुमति’ के बिना तलब न किया जाए।
ईडी ने वरिष्ठ वकील अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को तलब किया था।
वकीलों ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की पूर्व अध्यक्ष रश्मि सलूजा को पेश की गई कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना पर केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड को कानूनी सलाह दी थी।
उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) और उच्चतम न्यायालय एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) ने इस समन की निंदा करते हुए इसे ‘चिंताजनक प्रवृत्ति’ बताया था।
बार निकायों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश से मामले का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया था।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.