नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने चुनाव नियमों में हाल ही में किये गए संशोधन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा।
इस संशोधन में, चुनाव संबंधी रिकॉर्ड तक जनता की पहुंच को कथित तौर पर प्रतिबंधित किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किए।
न्यायालय में, भारद्वाज का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं।
पीठ ने जनहित याचिका को कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा दायर इसी तरह की एक लंबित याचिका के साथ संलग्न करने का आदेश दिया। दोनों मामलों की सुनवाई 17 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।
शीर्ष अदालत ने 15 जनवरी को 1961 के चुनाव नियमों में हालिया संशोधनों के खिलाफ रमेश की याचिका पर केंद्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था।
भूषण के माध्यम से दायर जनहित याचिका में चुनाव संचालन (द्वितीय संशोधन) नियम, 2024 की वैधता को चुनौती दी गई है और तर्क दिया गया है कि चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन महत्वपूर्ण चुनाव संबंधी दस्तावेजों तक नागरिकों की पहुंच को प्रतिबंधित कर संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का हनन करता है।
याचिका में कहा गया है कि संशोधन अनुच्छेद 19(1)(ए) में निहित सूचना का अधिकार के मौलिक अधिकार और अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के अधिकार का हनन करता है।
भाषा सुभाष दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.