सोनीपत (हरियाणा), 20 मई (भाषा) हरियाणा के सोनीपत की एक अदालत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट करने को लेकर गिरफ्तार किये गए अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष अली खान महमूदाबाद को मंगलवार को 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनके वकील ने यह जानकारी दी।
महमूदाबाद के वकीलों में से एक कपिल बाल्यान ने बताया कि एसोसिएट प्रोफेसर को दो दिन की पुलिस हिरासत खत्म हो जाने के बाद, आज दोपहर यहां एक अदालत में पेश किया गया था।
बाल्यान ने कहा, ‘‘पुलिस ने उनकी (पुलिस) हिरासत सात दिन बढ़ाने की मांग की। बहस के दौरान हमने पुलिस हिरासत बढ़ाने का विरोध किया… अदालत ने उन्हें 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।’’
हरियाणा पुलिस ने महमूदाबाद के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज होने के बाद, रविवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन पर आरोप है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में उनके सोशल मीडिया पोस्ट से देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा पैदा हुआ।
सोनीपत जिले के राई थाने में प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं – एक प्राथमिकी, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर और दूसरी, एक गांव के सरपंच की शिकायत पर।
कई राजनीतिक दलों और शिक्षाविदों ने महमूदाबाद की गिरफ्तारी की निंदा की है।
महमूदाबाद की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है।
सोमवार को, शीर्ष अदालत ने याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई थी। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एसोसिएट प्रोफेसर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया और कहा कि याचिका पर मंगलवार या बुधवार को सुनवाई की जाएगी।
सिब्बल ने कहा था, ‘‘उन्हें देशभक्ति वाले बयान के लिए गिरफ्तार किया गया है। कृपया इसे आज के लिए सूचीबद्ध करें।’’
एसोसिएट प्रोफेसर की गिरफ्तारी राज्य महिला आयोग द्वारा उनकी टिप्पणियों पर सवाल उठाते हुए उन्हें नोटिस भेजे जाने के कुछ दिनों बाद हुई है। हालांकि, महमूदाबाद ने कहा था कि उनकी टिप्पणियों का ‘गलत अर्थ निकाला गया’ है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग किया था।
भाषा राजकुमार सुभाष
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