नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को उसके द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर सजा में छूट संबंधी अर्जियों पर विचार करने के उसके आदेश का पालन नहीं करने के लिए सोमवार को फटकार लगाई और राज्य के कारागार विभाग के प्रमुख सचिव को 19 अगस्त को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने राज्य की नीति के अनुसार सजा में छूट देने का अनुरोध करने वाली एक दोषी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘हम व्यवस्था को ठीक करना चाहते हैं।’’
न्यायालय ने कारागार विभाग के प्रधान सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने आज मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वकील द्वारा फिर से समय मांगने पर कड़ी आपत्ति जतायी।
पीठ ने कहा, ‘‘चार महीने बीत चुके हैं। आप फिर से याचिका पर फैसला करने के लिए दो और महीने का वक्त मांग रहे हैं। कुछ भी नहीं किया गया है। जहां तक उत्तर प्रदेश राज्य का सवाल है, तो हमने देखा है कि आरोपियों की सजा में छूट की अर्जियों पर निर्धारित समय के भीतर विचार करने के लिए इस अदालत द्वारा पारित आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।’’
उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल में उत्तर प्रदेश सरकार को छह हफ्ते का समय दिया था। दस जुलाई को जब मामले पर सुनवाई हुई, तो उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि राज्य सरकार ने जेल प्राधिकारियों द्वारा याचिकाकर्ता के पक्ष में सिफारिश किए जाने के बावजूद कोई आदेश पारित नहीं किया है।
भाषा गोला दिलीप
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