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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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हत्या के आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की पुलिस की याचिका अदालत ने खारिज की

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नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) एक अदालत ने हत्या के छह आरोपियों का पॉलीग्राफ, ‘वॉयस स्ट्रेस एनालिसिस’ और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन सहित अन्य परीक्षण कराने की दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें मजबूर नहीं किया जा सकता।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आलोक शुक्ला न्यू अशोक नगर पुलिस थाना के जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा दाखिल आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें परीक्षण कराने की अनुमति मांगी गई थी।

यह याचिका 2020 के एक मामले के संबंध में दायर की गई थी जिसमें अंकित भाटी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी शीतल चौधरी का उसके माता-पिता (शीतल के) सहित छह रिश्तेदारों ने अपहरण कर लिया था।

प्राथमिकी शुरू में अपहरण के अपराध के लिए दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में अलीगढ़ में एक नहर में एक शव पाया गया, जिसकी पहचान शिकायतकर्ता ने अपनी पत्नी के रूप में की। पुलिस ने इसके बाद मामले में हत्या का आरोप जोड़ा।

अदालत ने 29 मई के आदेश में कहा, “यह स्थापित कानून है कि किसी अभियुक्त पर अनिवार्य या अनैच्छिक पॉलीग्राफ परीक्षण कराना आत्म-दोषी ठहराए जाने के विरुद्ध उसके अधिकार का उल्लंघन है।”

अदालत ने कहा, “चूंकि आरोपी व्यक्तियों ने परीक्षण कराने के लिए सहमति नहीं दी है, इसलिए अदालत आरोपी व्यक्तियों को जांच अधिकारी द्वारा कराए जाने वाले परीक्षण के लिए बाध्य नहीं कर सकती। तदनुसार, आवेदन खारिज किया जाता है।”

अदालत ने कहा कि आरोपियों ने परीक्षण के लिए याचिका पर आपत्ति जताते हुए दलील दी कि जांच अधिकारी ने आरोपियों को अपराध से जोड़ने के लिए कोई साक्ष्य दाखिल नहीं किया तथा मूल्यांकन के लिए कोई नया साक्ष्य भी नहीं है।

अदालत ने कहा, “कथित शव (शीतल का) की डीएनए प्रोफाइलिंग से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आरोपी संख्या 1 और 3, (बरामद) शव के जैविक पिता और माता नहीं हैं और देश के कानून के अनुसार डीएनए परीक्षण दो व्यक्तियों के बीच संबंध साबित करने के लिए अपने आप में बहुत विश्वसनीय माना जाता है और वर्तमान मामले में डीएनए परिणाम नकारात्मक है और जांच अधिकारी ने उत्तर के तहत आवेदन को आगे बढ़ाकर अप्रत्यक्ष रूप से डीएनए रिपोर्ट की वास्तविकता को चुनौती दी है।”

आरोपियों में शीतल के पिता रवीन्द्र चौधरी, मां सुमन, चाचा संजय चौधरी, फूफा ओम प्रकाश के साथ रिश्तेदार प्रवेश और अंकित शामिल हैं।

इन सभी को जमानत मिल चुकी है।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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