नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में अत्यधिक दूषित पेयजल की आपूर्ति संबंधी आरोपों के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को निरीक्षण करने और खामी को दूर करने का बुधवार को निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड के प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उन निवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए जिनके नलों में ‘‘काले रंग’’ का पानी आ रहा है।
पीठ ने मामले की सुनवाई को पांच जुलाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘उन्हें जो पानी मिल रहा है उसके रंग को देखते हुए हम डीजेबी के उपयुक्त प्राधिकारी को भौतिक निरीक्षण करने, एक रिपोर्ट तैयार करने और उसे अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं।’’
अदालत ने पेशे से वकील ध्रुव गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए।
याचिका में दावा किया गया है कि पूर्वी दिल्ली में योजना विहार, आनंद विहार, जागृति एन्क्लेव और आस-पास के अन्य इलाकों के निवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर मलजल मिश्रित अत्यधिक दूषित पेयजल की आपूर्ति के कारण बड़ा खतरा है।
अदालत ने डीजेबी के वकील से कहा कि वे इस मामले पर प्राधिकारियों से निर्देश प्राप्त करें और शुक्रवार को उसे अवगत कराएं।
अदालत ने निर्देश दिया कि यदि निरीक्षण के दौरान ऐसी कोई त्रुटि पाई जाती है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है तो उसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि आम नागरिकों के स्वच्छ पेयजल के अधिकार का गंभीर उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि पीने योग्य पानी के रूप में मलजल के अत्यधिक दूषित पानी की आपूर्ति के कारण बुजुर्गों और बच्चों सहित निवासी गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं जिससे बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य संकट पैदा हो सकता है।
याचिका में कहा गया है कि इन इलाकों के नलों में 12 जून से दूषित पानी आ रहा है और अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसमें कहा गया है कि पूरा विश्वास नगर निर्वाचन क्षेत्र, जिसमें योजना विहार क्षेत्र शामिल है, दूषित पानी की इस समस्या से जूझ रहा है।
भाषा
सिम्मी मनीषा
मनीषा
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