नैनीताल, 22 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर ध्वस्त की गयी मजार से संबंधित मामले की मंगलवार को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को 24 घंटे के अंदर वहां की मिटटी को दूसरे स्थान पर ले जाने वाले दो व्यक्तियों के विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने को कहा।
इसके साथ ही अदालत ने जिला प्रशासन को भी तोड़ी गयी मजार के ऊपर से वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है ।
याचिकाकर्ता वक्फ अल्लाह ताला ने अदालत को बताया कि प्रशासन ने सोमवार तड़के रुद्रपुर में इंदिरा चौक के पास स्थित सैयद मासूम शाह मियां और सज्जाद मियां की मजार को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया।
यह मजार आठ लेन के प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित जमीन पर थी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इससे जुड़े पक्षों को पहले ही नोटिस दे चुका था और सूचित कर चुका था। मजार को ध्वस्त करने के लिए सोमवार तड़के बुलडोजर तैनात किए गए जिन्होंने जमीन को समतल कर दिया ।
सुनवाई में उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए ।
जिलाधिकारी ने अदालत को बताया, ‘‘मजार का नाम हजरत मासूम शाह दरगाह है और यह वक्फ की भूमि नहीं है। इस मजार के ध्वस्तीकरण के लिए प्राधिकरण ने दो माह पहले 10 फरवरी को एक नोटिस जारी किया था और उसके बाद एक दूसरा नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की गयी।’’
उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण के लिए नियमानुसार मुआवजा दिया गया है। सुनवाई के दौरान, अदालत ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से ऐसे दो व्यक्तियों के नाम, आधार कार्ड, फोटो, ई-मेल और फोन नंबर सहित सभी विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने को कहा जो दरगाह की मिट्टी वहां से अन्यत्र ले जाएंगे।
अदालत ने याचिकाकर्ता से 24 घंटे के भीतर एक हलफनामा दाखिल कर उसे यह सूचित करने को भी कहा है कि इस मिट्टी को कहां ले जाया जाएगा।
भाषा सं दीप्ति खारी
खारी
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