scorecardresearch
शनिवार, 10 मई, 2025
होमदेशन्यायालय ने गुजरात सरकार से सोमनाथ मंदिर परिसर की दीवार पांच-छह फुट ऊंची रखने को कहा

न्यायालय ने गुजरात सरकार से सोमनाथ मंदिर परिसर की दीवार पांच-छह फुट ऊंची रखने को कहा

Text Size:

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को गुजरात सरकार से कहा कि गिर सोमनाथ मंदिर के निकट अतिक्रमण रोकने के लिए बनाई जा रही दीवार की ऊंचाई पांच से छह फुट होनी चाहिए।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह टिप्पणी की।

पीठ को राज्य सरकार ने बताया कि वह अतिक्रमण रोकने के लिए परिसर की दीवार का निर्माण कर रही है।

परिसर की दीवार की ऊंचाई पर याचिकाकर्ता के दावे का विरोध करते हुए गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अधिकारी हमेशा परिसर की दीवार बनाकर सरकारी भूमि की रक्षा कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘12 फुट की दीवार मत बनाइए। यदि आप इसकी सुरक्षा कर रहे हैं, तो पांच फुट, छह फुट की दीवार पर्याप्त है।’’

पीठ ने कहा कि परिसर की दीवार उचित ऊंचाई की होनी चाहिए। इसने पूछा, ‘‘आप परिसर की 12 फुट ऊंची दीवार क्यों चाहते हैं?’’

इसने कहा, ‘‘इसे पांच या छह फुट की बनाएं।’’

न्यायमूर्ति गवई ने मेहता से कहा कि वह संबंधित जिलाधिकारी को इस बारे में निर्देश दें।

मेहता ने कहा, ‘‘मैं निर्देश दूंगा।’’

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने मामले का उल्लेख किया और कहा कि अधिकारी परिसर की दीवार का निर्माण करके यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहे हैं।

हेगड़े के दावों का मेहता ने खंडन किया और मामले में शीर्ष अदालत में दिए गए उनके पिछले बयान का हवाला दिया।

मेहता ने 31 जनवरी को एक ‘‘स्पष्ट बयान’’ दिया कि अतिक्रमण वाली भूमि पर हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों सहित किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा रही।

सोमवार को उन्होंने कहा कि स्थिति यथावत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल अतिक्रमण रोकने के लिए परिसर की दीवार का निर्माण कर रहे हैं।’’

हेगड़े ने कहा कि अधिकारी 12 फुट ऊंची दीवार बना रहे हैं और याचिकाकर्ता को नहीं पता कि अंदर क्या हो रहा है।

पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘आपको क्यों नहीं पता? अब हर जगह ड्रोन उपलब्ध हैं।’’

हेगड़े ने तब कहा, ‘‘यह ऐसा है जैसे आप चीन की महान दीवार बना रहे हैं और कह रहे हैं कि हम उसकी रक्षा कर रहे हैं।’’

मेहता ने जवाब दिया, ‘‘यह चीन की महान दीवार नहीं है। हमें इसे सनसनीखेज नहीं बनाना चाहिए।’’

याचिकाकर्ता ने कहा कि स्थल पर यथास्थिति बरकरार रखी जानी चाहिए।

इसके बाद पीठ ने सुनवाई 20 मई के लिए स्थगित कर दी।

शीर्ष अदालत ने हेगड़े से कहा कि यदि प्राधिकारियों ने कोई अन्य निर्माण कार्य किया है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 31 जनवरी को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में हटाई गई एक दरगाह वाली जगह पर 1 फरवरी से 3 फरवरी के बीच ‘उर्स’ उत्सव आयोजित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

पीठ ने मेहता की इस दलील पर गौर किया कि सरकारी भूमि पर बने मंदिरों सहित समस्त अनधिकृत निर्माण को हटाया गया है।

गुजरात सरकार ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि यह सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण हटाने का एक सतत अभियान है।

पीठ गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मुस्लिम धार्मिक ढांचों को गिराने पर यथास्थिति बनाए रखने से इनकार कर दिया गया था।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments