पटना, सात अक्टूबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने मंगलवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में यह सुनिश्चत करना निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का ‘संवैधानिक दायित्व’ है कि कोई भी पात्र मतदाता बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची से बाहर न रह जाए।
राजा ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सवाल उठे थे।
राजा ने कहा, “आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। बिहार में आयोग द्वारा कराए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर कई सवाल उठे थे और केवल उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही आधार और अन्य दस्तावेजों को पंजीकरण के लिए मान्यता दी गई। यह निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रह जाए। मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना आयोग की जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि संबंधित प्राधिकार का दायित्व है कि निर्वाचन आयोग की साख बहाल हो।
भाकपा नेता ने कहा, “निर्वाचन आयोग को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि बिहार में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं… निर्वाचन आयोग के एसआईआर कवायद से कई समस्याएं उत्पन्न हुई थीं और हमने (हमारी पार्टी ने) इन मुद्दों को उठाया था। अंततः इसमें उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा।”
गौरतलब है कि 30 सितंबर को प्रकाशित की गई बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.42 करोड़ रह गई है, जबकि एसआईआर से पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी। हालांकि यह आंकड़ा एक अगस्त को जारी मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं से अधिक है, जिसमें मौत, पलायन और दोहराव जैसे कारणों से करीब 65 लाख नाम हटाए गए थे।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के अंदर जारी चर्चाओं के बारे में पूछे जाने पर डी. राजा ने कहा, “यह बहुत जल्द सुलझ जाएगा और हम आगामी विधानसभा चुनाव में उचित संख्या में सीट पर चुनाव लड़ेंगे।”
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