लखनऊ, पांच मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिया कि चीनी मिलों को गन्ना खरीद के लिए आवंटित कमांड एरिया का निर्धारण उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे गन्ना मूल्य भुगतान के रिकॉर्ड के आधार पर किया जाए।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह निर्देश मुख्यमंत्री ने सोमवार को चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। इस बैठक में विभागीय प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गन्ना मूल्य भुगतान, उत्पादकता, आधारभूत संरचना, रोजगार और भावी योजनाओं की जानकारी दी गई।
बयान के मुताबिक योगी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसानों को समयबद्ध भुगतान मिले। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जो मिलें भुगतान में देरी अथवा टाल-मटोल करें, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ने की बेहतर पैदावार के लिए किसानों को उन्नत किस्म के बीज समय पर उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), चीनी मिलों और गन्ना समितियों को मिलकर कार्य करना होगा। मिल प्रतिनिधियों, समिति पदाधिकारियों और केवीके के अधिकारियों को खेतों का दौरा कर फसल का अवलोकन करना चाहिए तथा किसानों से सतत संवाद बनाए रखना चाहिए।
इसके साथ ही, किसान गोष्ठियों में मंत्रीगण की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने गन्ना समितियों को और सशक्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
योगी ने वर्तमान 142 कार्य दिवसों को बढ़ाकर 155 दिन करने की जरूरत बताई, साथ ही, कोऑपरेटिव व फेडरेशन की चीनी मिलों की गहन समीक्षा के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इन मिलों की उत्पादन क्षमता के साथ-साथ वहां कार्यरत कार्मिकों की योग्यता का भी आकलन किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मिलवार अद्यतन गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की भी समीक्षा की। यह जानकारी दी गई है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक ₹2,85,994 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है, जो 1995-2017 के ₹2,13,520 करोड़ रुपये की तुलना में ₹72,474 करोड़ रुपये अधिक है। मुख्यमंत्री ने भुगतान चक्र को और सुचारु बनाने के निर्देश दिए ताकि सभी किसानों को शीघ्र और पूर्ण भुगतान मिल सके।
गन्ने के क्षेत्रीय विस्तार की जानकारी देते हुए बताया गया कि 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो 2024-25 में बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी अवधि में उत्पादकता भी 72.38 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 84.10 टन/हेक्टेयर तक पहुंची है।
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सं, आनन्द, रवि कांत जितेंद्र रवि कांत
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