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मंगलवार, 6 मई, 2025
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मुख्य सचिव ने बुधवार को प्रस्तावित ‘मॉक ड्रिल’ की तैयारियों की समीक्षा की

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जयपुर, छह मई (भाषा) राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बुधवार को प्रस्तावित ‘मॉक ड्रिल’ की तैयारियों की मंगलवार को समीक्षा की।

अधिकारियों ने बताया कि पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के समस्त संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिदेशक, जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक एवं सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिरकत की।

उन्होंने बताया कि बैठक में नागरिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण एवं क्रियाशीलता के आकलन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशों के पालन के संबंध में संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिये गये।

अधिकारियों के मुताबिक, जयपुर के शासन सचिवालय में आयोजित बैठक में बुधवार (सात मई) को प्रस्तावित ‘मॉक ड्रिल’ एवं ब्लैक आउट को लेकर संबंधित जिलों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि सभी संचार माध्यमों एवं सायरनो को तुरंत दुरुस्त किया जाए एवं संचार प्रणाली का सुदृढीकरण सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने बताया कि बैठक में गृह व आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा, जल संसाधन एवं पीएचईडी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व स्वायत्त शासन विभागों के प्रमुख शासन सचिव व पुलिस महानिदेशक शामिल हुए।

उनके मुताबिक, इनके साथ ही बैठक में अजमेर एवं जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी, जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारी, राज्य आपदा प्रतिसाद दल व वायु सेना स्टेशन के अफसर सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

सभी अधिकारियों ने बैठक में आपसी समन्वय से ‘मॉक ड्रिल’ संपन्न करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने युद्ध के दौरान शहरों को नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर तीन श्रेणियों में बांटा है। इनमें कोटा और रावतभाटा (चित्तौड़गढ़) को सबसे संवेदनशील शहरों की श्रेणी में रखा गया है।

उनके मुताबिक, जयपुर को कम संवेदनशील शहरों की दूसरी श्रेणी में रखा गया है। सबसे कम संवेदनशील श्रेणी में आठ शहर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के 28 शहरों में ‘मॉक ड्रिल’ की जाएगी।

‘मॉक ड्रिल’ का समय अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन जोधपुर और जैसलमेर समेत कई शहरों में मंगलवार को ‘मॉक ड्रिल’ की तैयारियां शुरू हो गई।

जैसलमेर जिले के कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने संवाददाताओं को बताया कि इस ‘मॉक ड्रिल’ में युद्ध की स्थिति में लोग किस तरह से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं, इस बारे में जानकारी दी जाएगी।

अजमेर में संभागीय आयुक्त महेश चंद शर्मा ने बताया कि इस ‘मॉक ड्रिल’ का उद्देश्य आपदा की स्थिति में विभागों की तैयारियों को परखना और आमजन को जागरूक करना है।

उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों, दमकल विभाग और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

शर्मा ने आमजन से अपील की है कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान किसी भी तरह की दहशत न फैलाएं और ब्लैकआउट की स्थिति में लोग स्वयं ही अपने घरों और वाहनों की लाइटें बंद कर दें।

बीकानेर में जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कावेंद्र सिंह सागर ने बैठक की, जिसमें ‘मॉक ड्रिल’ पर चर्चा की गई। उन्होंने नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों को निर्देश दिए।

जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया, “हमारी प्रणाली अलर्ट मोड पर है। प्राप्त निर्देशों के अनुसार ही सब कुछ किया जाएगा।”

भाषा कुंज नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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