चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में पालतू और सामुदायिक (आवारा) कुत्तों को लेकर नए नियम जारी किए हैं. इन नियमों के तहत अब पालतू कुत्ते पालने वालों को कई बातों का खास ध्यान रखना होगा.
अब हर पालतू कुत्ते का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना ज़रूरी होगा. इसके लिए 500 रुपये फीस रखी गई है और हर पांच साल बाद 50 रुपये में रजिस्ट्रेशन दोबारा करवाना होगा. हर रजिस्टर्ड कुत्ते को धातु का टोकन और कॉलर पहनाना ज़रूरी है. अगर कोई कुत्ता बिना रजिस्ट्रेशन के पाया गया तो नगर निगम उसे पकड़ सकता है.
अगर कोई व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन वाला कुत्ता रखता है, सार्वजनिक जगहों पर गंदगी फैलाता है या खुले में कुत्तों को खाना खिलाता है, तो उस पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.
घर के आकार के हिसाब से कुत्ते रखने की सीमा भी तय की गई है: 5 मरले तक के घर में — 1 कुत्ता, 5 से 12 मरले के घर में — 2 कुत्ते, 12 मरले से 1 कनाल के घर में — 3 कुत्ते, 1 कनाल से बड़े घर में — 4 कुत्ते तक रखे जा सकेंगे.
अगर एक ही बिल्डिंग में अलग-अलग मंजिलों पर परिवार रहते हैं, तो हर परिवार को अपने हिस्से के अनुसार अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
प्रशासन ने कुछ खतरनाक नस्लों के कुत्तों पर रोक भी लगा दी है. इनमें अमेरिकन बुलडॉग, पिटबुल, बुल टेरियर, केन कोर्सो, डोगो अर्जेंटिनो और रॉटवीलर जैसी नस्लें शामिल हैं. अब इन नस्लों को चंडीगढ़ में पालतू जानवर के रूप में नहीं रखा जा सकेगा.
पालतू कुत्तों को सुखना झील, रोज गार्डन, शांतिकुंज, लीजर वैली, मिनी रोज गार्डन, टैरेस गार्डन, शिवालिक गार्डन और बोटैनिकल गार्डन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ले जाना भी मना होगा.
इन नए नियमों का मकसद शहर को ज्यादा साफ, सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाना है, ताकि लोग और जानवर दोनों सुरक्षित रह सकें.
