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Thursday, 21 November, 2024
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25 हज़ार गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए केंद्र ने की 70,125 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV के तहत 62,500 किलोमीटर लंबी नई सड़कों की घोषणा की.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 70,125 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-IV (PMGSY-IV) योजना को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य अगले पांच साल में देश के सबसे दूरदराज के गांवों को सड़क संपर्क प्रदान करना है.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 25,000 असंबद्ध बस्तियों को जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों की घोषणा की — जो अब जनसंख्या वृद्धि के कारण योजना के लिए पात्र हैं.

इस साल जुलाई में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में PMGSY-IV के चौथे चरण के शुभारंभ की घोषणा की. ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि योजना के लिए घोषित 70,125 करोड़ रुपये में से केंद्र 49,087 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा और शेष राशि राज्य सरकार देगी.

योजना के तहत सरकार मैदानी इलाकों में 500 से अधिक आबादी, पहाड़ी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 250 से अधिक आबादी या वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 100 से अधिक आबादी वाली बस्तियों को सड़क संपर्क प्रदान करने के लिए चुनेगी.

पीएमजीएसवाई-IV के लिए मोदी सरकार ने पात्र बस्तियों की पहचान करने के लिए जनगणना 2011 के आंकड़ों का उपयोग करने का निर्णय लिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पिछली तीन योजनाओं (पीएमजीएसवाई I, II और III) में, जो अभी भी चल रही हैं, बस्तियों का चयन 2001 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया गया था.”

दिसंबर 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तहत शुरू की गई पीएमजीएसवाई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य मैदानी इलाकों में 500 या उससे अधिक और पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों, रेगिस्तानी इलाकों, आदिवासी इलाकों और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों में 250 या उससे अधिक आबादी वाली ग्रामीण बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने में राज्यों की सहायता करना है.

2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ग्रामीण सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की ज़रूरत को महसूस करते हुए पीएमजीएसवाई-II की शुरुआत की.

2019 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने गांवों और ग्रामीण कृषि बाज़ारों (ग्राम), उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों और अस्पतालों जैसी आवश्यक सुविधाओं के बीच बेहतर संपर्क प्रदान करने के लिए मौजूदा ग्रामीण सड़क बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए पीएमजीएसवाई-III की शुरुआत की.

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना (RCPLWEA), जिसे 2016 में PMGSY के तहत एक अलग वर्टिकल के रूप में लॉन्च किया गया था, 100 या उससे अधिक आबादी वाले बस्तियों को संपर्क प्रदान करने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण और उन्नयन पर केंद्रित थी.

RCPLWEA के तहत नौ राज्यों, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में लगभग 12,100 किलोमीटर सड़क को मंजूरी दी गई है.

अब तक देश में 7.66 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़क नेटवर्क विकसित किया जा चुका है, जबकि नई योजना 2028-29 तक लागू की जाएगी, केंद्र ने पीएमजीएसवाई-I और पीएमजीएसवाई-II को लागू करने की समय सीमा भी बढ़ा दी है – प्रारंभिक समय सीमा मार्च 2022 थी – और आरसीपीएलडब्ल्यूईए को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया। पीएमजीएसवाई-III की समय सीमा भी मार्च 2025 है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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