नयी दिल्ली,20 अगस्त (भाषा) चिकित्सकों ने कहा है कि सिरदर्द एक सर्वाधिक सामान्य पर अक्सर नजरअंदाज कर दी जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है, हालांकि यह मस्तिष्क में बनी गांठ जैसी किसी गंभीर स्थिति का संकेतक भी हो सकती है।
मस्तिष्क में गांठ तरल पदार्थ से भरी थैलियां होती हैं जो मस्तिष्क में तरल पदार्थ उत्पन्न होने के चलते बनती हैं।
गाजियाबाद के वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी विभाग के निदेशक डॉ मनीष वैश ने कहा कि करीब 1.2 प्रतिशत आबादी मस्तिष्क में गांठ बनने की समस्या से प्रभावित है। भारत के संदर्भ में, जहां की आबादी 1.3 अरब है, यह एक बड़ी संख्या है।
मस्तिष्क में गांठ अक्सर बच्चों में पाई जाती है हालांकि यह वयस्कों में भी पाई जा सकती है और वयस्क पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसके 59 प्रतिशत अधिक बनने की संभावना है।
डॉ वैश ने कहा कि मस्तिष्क में बनी गांठ का एक सर्वाधिक सामान्य लक्षण सिरदर्द है। इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि किसी अन्य लक्षण के साथ यदि गंभीर सिरदर्द हो तो किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
इस रोग का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन एमआरआई जांच की जाती है।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद में तंत्रिकातंत्र विभाग के निदेशक डॉ कुणाल बहरानी ने कहा कि इस रोग का सामान्य लक्षण सिरदर्द है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
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सुभाष माधव
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