छत्रपति संभाजीनगर, 13 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले में मसाजोग गांव के मारे गए सरपंच संतोष देशमुख के भाई धनंजय देशमुख पानी की टंकी पर चढ़ गए और वहां से कूदकर खुदकुशी करने की धमकी देने लगे। उन्होंने दावा किया कि हत्या मामले की जांच की जानकारी उनके परिवार के साथ साझा नहीं की जा रही है।
उन्होंने मांग की कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले के आरोपियों पर हत्या के आरोप के तहत मामला दर्ज किया जाए।
मारे गए सरपंच के परिवार के सदस्य और विपक्षी नेता मांग कर रहे हैं कि जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किए गए वाल्मीक कराड पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए, जिसे मंत्री धनंजय मुंडे का सहयोगी बताया जाता है।
धनंजय ने दावा किया था कि हत्या के आरोपियों के रिहा होने के बाद उनसे उनकी जान को खतरा हो सकता है।
बीड जिले में केज तहसील स्थित मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को अगवा कर लिया गया था और नौ दिसंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि एक पवन चक्की कंपनी से कुछ लोगों द्वारा जबरन वसूली किए जाने का विरोध करने को लेकर देशमुख की हत्या की गई।
मोबाइल फोन नेटवर्क टावर पर चढ़कर आंदोलन करने और कूदकर जान देने की चेतावनी देने के एक दिन बाद धनंजय सोमवार को दोपहर के करीब पानी की टंकी पर चढ़ गए। इससे मसाजोग गांव में अफरातफरी मच गई, क्योंकि धनंजय ने अपने परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों की बात मानने से इनकार कर दिया।
मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे और बीड के पुलिस अधीक्षक नवनीत कांवट मौके पर पहुंचे तथा धनंजय को नीचे आने के लिए मनाया।
पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर अपराह्न करीब ढाई बजे धनंजय नीचे आए।
इससे पहले, जरांगे ने धनंजय से फोन पर बात की और उन्हें बताया कि सीआईडी के अधिकारियों को गांव का दौरा करने के लिए कहा जाएगा।
कांवट ने कहा, ‘‘कृपया नीचे आओ। मैं तुमसे बात करूंगा। अगर तुम चाहो तो मैं ऊपर आ सकता हूं।’’
इस मामले में पुलिस अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एक आरोपी अब भी फरार है। पुलिस के अनुसार, सभी आठ आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीक कराड को जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया गया है।
महाराष्ट्र सीआईडी की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) मामलों की जांच कर रही है।
धनंजय ने दावा किया था कि पिछले 35 दिन से हत्या की जांच के संबंध में परिवार के साथ जानकारी साझा नहीं की गई है।
पानी की टंकी से उतरने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्हें जांच पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के आश्वासन पर भरोसा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि आरोपियों को मृत्युदंड मिलेगा। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा भरोसा न टूटे। उन्हें (जबरन वसूली मामले में) आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए और समाज को एक संदेश देना चाहिए कि ऐसे अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
धनंजय ने कहा कि उनका आंदोलन कोई नाटक नहीं, बल्कि अपने भाई के लिए न्याय की गंभीर इच्छा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीआईडी अधिकारियों ने देशमुख परिवार के बयान दर्ज नहीं किए।
धनंजय ने कहा, ‘‘पुलिस ने मुझे सुदर्शन घुले (हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी) की तस्वीर दिखाई थी। क्या वे मुझे धमकी देना चाहते थे?’’
भाषा
नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.