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शनिवार, 26 अप्रैल, 2025
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अनुच्छेद 370 पर लिखी पुस्तक इस अनुच्छेद की यात्रा का लिखित दस्तावेज है

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नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले प्रावधानों से संबंधित अनुच्छेद 370 पर आधारित एक पुस्तक इसके ‘पालने’ में पांव रखने से लेकर ‘कब्र’ में दफन होने तक की यात्रा का लिखित दस्तावेज है। इसमें अनुच्छेद 370 के संघर्षपूर्ण प्रादुर्भाव से लेकर, प्रारंभिक वर्षों के कानूनी दाव-पेंच, क्षेत्रीय स्तर के राजनीतिक छल-प्रपंच, न्यायिक राजनीति के क्रमिक प्रदर्शन और अचानक एवं त्वरित अवसान का विस्तृत ब्योरा दिया गया है।

अर्घ्य सेनगुप्ता, जिनली दानी, केविन जेम्स और प्रणय मोदी द्वारा रचित पुस्तक ‘हमीं अस्त : ए बायोग्राफी ऑफ आर्टिकल 370’ यह बताती है कि 1947 में जम्मू-कश्मीर किस प्रकार भारत का हिस्सा बना, 1950 में उसे किस प्रकार विशेष दर्जा मिला और पांच अगस्त 2019 को केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले सात दशक तक नयी दिल्ली के साथ उसके संबंध कितने जटिल रहे।

लेखकों की मानें तो अनुच्छेद 370 की उत्पत्ति जितनी विवादित रही, कालांतर में इसका परिचालन और अंत में इसका निरस्तीकरण भी उतना ही विवादों से भरा रहा।

किताब में कहा गया है, ‘इसका अस्तित्व में आना श्रीनगर और नयी दिल्ली के बीच अस्थायी समझौते के उत्तर-चिंतन का परिणाम था। लेकिन जैसे ही दोनों के बीच संबंधों में खटास आई, यह मामला कश्मीर में राजनीतिक ताकतों के लिए गहरे अविश्वास का स्रोत बन गया।’

लेखकों के अनुसार, ‘‘(अनुच्छेद 370 के अस्तित्व में आने के) पहले दशक के बाद, अनुच्छेद 370 आश्चर्यजनक रूप से भारत और जम्मू-कश्मीर के बीच संवैधानिक संबंधों का मुख्य आधार बन गया और अगले कुछ दशकों में, यह एकीकरण का मजबूत वाहक बन गया।’’

लेखकों का तर्क है कि इस अनुच्छेद का जोर हमेशा जम्मू-कश्मीर और भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा सामूहिक निर्णय लेने पर रहा।

लेखकों का मानना है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना वाकई एक राजनीतिक दल का लंबे समय से किया गया वायदा था, लेकिन संवैधानिक लोकतंत्र की प्रकृति ऐसी है कि लंबित दलगत राजनीतिक वादों को भी संवैधानिक तरीके से पूरा किए जाने की आवश्यकता होती है।

लेखकों को उम्मीद है कि अनुच्छेद 370 की बायोग्राफी को लेकर ‘अंतिम शब्द’ उच्चतम न्यायालय द्वारा लिखा हुआ हो सकता है।

भाषा सुरेश नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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