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Saturday, 25 October, 2025
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केंद्र की भाजपा-जद (यू) नीत राजग सरकार ने बिहार की आस्था पर किया आघात : अविनाश पांडे

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पटना, 25 अक्टूबर (भाषा) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाश पांडे ने शनिवार को आरोप लगाया कि छठ महापर्व के मौके पर यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे की तैयारियां नाकाफी हैं, जिससे बिहारवासियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने ‘‘12 हजार स्पेशल ट्रेनें’’ चलाने की भ्रामक जानकारी फैलाई, जबकि देश में कुल यात्री ट्रेनों की संख्या ही इससे कम है।

यहां कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज अमित शाह जी बिहार में ठाठ-बाट से आ रहे हैं, जबकि बिहार के श्रद्धालु ट्रेन के शौचालय में सोने को मजबूर हैं। यह दृश्य मानवता को शर्मसार करता है और बिहार की आस्था पर कुठाराघात है।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, लुधियाना, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित अन्य शहरों से बिहार लौट रहे लाखों यात्रियों को विशेष ट्रेनों में फर्श पर रात बितानी पड़ रही है, जिससे व्रतियों को असहनीय परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ रहा है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)–जनता दल (यूनाइटेड) की सरकार ने पहले तो बिहार के करोड़ों लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया और अब छठ पर घर लौट रहे उन्हीं लोगों की उपेक्षा की जा रही है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार बिहार के 3.18 करोड़ लोग पलायन कर अन्य राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं।’’

पार्टी की मांगों का उल्लेख करते हुए पांडे ने कहा कि बिहार से जुड़े सभी प्रमुख मार्गों पर तत्काल अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएं, रेलवे स्टेशनों पर राहत शिविर, पेयजल और सुरक्षा की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को बिहारवासियों से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।

कर्पूरी ठाकुर की नीतियों को लेकर भाजपा के ऐतिहासिक रुख पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्पष्ट करना चाहिए कि ‘‘जिस विचारधारा वाले दल ने 1978 में कर्पूरी ठाकुर सरकार द्वारा पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले का विरोध किया था, उसी दल के साथ वह सत्ता के लिए गठबंधन क्यों कर रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण नीति का विरोध कर सड़क पर हिंसा करने वाले जनसंघ–आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नेताओं में कैलाशपति मिश्र, ताराकांत झा और सुरजदेव सिंह शामिल थे। क्या नीतीश जी उस ऐतिहासिक गलती के लिए माफी मांगेंगे?’’

जाति आधारित सर्वेक्षण और आरक्षण वृद्धि के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए पांडे ने कहा कि बिहार विधानसभा के पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक ठोस कदम क्यों नहीं उठाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जाति आधारित गणना की समर्थक है और केंद्र सरकार से यह पूछती है कि ‘‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) कार्यकाल में की गई जाति आधारित गणना के आंकड़े सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए और अब तक राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना क्यों नहीं कराई गई।’’

भाषा कैलाश खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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