उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग में नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने शुक्रवार सुबह तक 25 मीटर मलबे को भेद दिया जिससे पिछले पांच दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बढ़ गयी है.
सिलक्यारा में बने उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग में जमा मलबे में सुबह छह बजे तक 25 मीटर की दूरी तक ‘ड्रिलिंग’ हो चुकी है. सुरंग में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है जिसमें ड्रिलिंग की जानी है.
Uttarkashi tunnel incident | Drilling upto a depth of 25 metre was done upon which the machine hit a metal part inside. Efforts being made to cut through it using a gas cutter. So, drilling work is currently halted.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2023
योजना यह है कि ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 800 मिमी और 900 मिमी व्यास के कई बड़े पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक वैकल्पिक सुरंग बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं.
इससे पहले, मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गयी थी, लेकिन इस दौरान भूस्खलन होने से काम को बीच में रोकना पड़ा था. बाद में वह ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी.
इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी बड़ी, अत्याधुनिक और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी जिससे बृहस्पतिवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गयी.
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाया जा रहा है.
श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है. उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है.
उन्होंने बताया कि मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ कई मेडिकल टीम भी तैनात हैं ताकि श्रमिकों को बाहर निकलने पर उनकी तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सके.
हर मौसम के अनुकूल चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था जिसके बाद से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
यह भी पढ़ें: हिंदी TV न्यूज़ के पास सुरंग हादसे के लिए समय नहीं है, उन्हें बस गाज़ा और अयोध्या की खबरें दिखानी हैं