उज्जैन: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र के मंदिर ‘संसद भवन’ की वास्तुकला राज्य के मुरैना और विदिशा के प्राचीन मंदिरों की वास्तुकला पर आधारित है.
यादव ने दूसरे वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उज्जैन समय का शहर है और ‘आज का समय भारत का है’.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें भारत में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का दृष्टिकोण दिया है. देवी अहिल्या बाई ने काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बनवाया था. उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने दो हजार साल पहले (महाकाल) मंदिर बनवाया था, जिसे बाबर के काल में ध्वस्त कर दिया गया था.”
मुख्यमंत्री ने कहा, “संसद का पुराना भवन मुरैना के मंदिर (चौसठ योगिनी मंदिर) और नया भवन विदिशा के बीजामंडल मंदिर की वास्तुकला पर बना है. यह हमारे लिए गर्व की बात है. हमारे मंदिर लोकतंत्र का आधार भी बन सकते हैं.”
उन्होंने कहा, “आत्मचिंतन के लिए दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है. आज देशों की सीमाएं हो सकती हैं लेकिन धर्म और संस्कृति की कोई सीमा नहीं है. भारतीय संस्कृति ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक फैली है.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में पर्यटन के साथ-साथ तीर्थ पर्यटन के माध्यम से जन कल्याण की परिकल्पना की गई है.
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यादव ने मध्यप्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया है.
शेखावत ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा, “दुनिया में अनेक संस्कृतियों का जन्म हुआ लेकिन भारतीय संस्कृति आज भी जीवित है. हमारी संस्कृति ने दो हजार वर्षों तक आक्रमण झेले, दो सौ वर्ष तक गुलामी झेली लेकिन आज भारतीय संस्कृति समृद्ध है. ढाई हजार साल पहले, जब मानव दुनिया में अपना अस्तित्व तलाश रहा था, तब भारत में तीर्थयात्रा की परंपरा थी.”
उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने फारस तक की यात्रा कर दुनिया को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया.
शेखावत ने आधुनिक भारत की सांस्कृतिक एकता का जिक्र करते हुए कहा कि इसका एक उदाहरण प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ है, जहां हर धर्म और संप्रदाय के लोग एकत्रित हुए और विश्व शांति का संदेश दिया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सैकड़ों साल पहले जब बुनियादी ढांचा इतना समृद्ध नहीं था, तब भारत के लोग केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा करते थे.
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है और उज्जैन में पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि पहले जितने लोग एक साल में शहर आते थे, अब उतने ही लोग सिर्फ डेढ़ हफ्ते में आते हैं.
मंत्री ने कहा कि पर्यटन को विकसित करने के लिए राज्यों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है.
उन्होंने कहा कि भारत के केंद्र में स्थित मध्यप्रदेश में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.
संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि 2023 में 11 करोड़ और 2024 में 13 करोड़ पर्यटक मध्यप्रदेश आए. उन्होंने बताया कि राज्य में पर्यटन प्रति वर्ष 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है.
अधिकारी ने बताया कि उज्जैन राज्य के धार्मिक पर्यटन स्थलों में शीर्ष पर है, जहां पिछले साल सात करोड़ लोग आए थे.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अनिल पाराशर ने बताया कि पिछले एक साल में भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है.
उन्होंने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ में लगभग 66 करोड़ लोग आए जबकि अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए 13.5 करोड़ लोग आए.
पाराशर ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला 2028 की तैयारियां जारी हैं और नए पुल, सड़कें और घाट बनाए जा रहे हैं.
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उज्जैन धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बन जाएगा.