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रविवार, 1 जून, 2025
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शीर्ष अदालत ने अदालत कक्ष के सामने बरामदा निर्माण से जुड़े पंजाब उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा

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नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें चंडीगढ़ प्रशासन को अपने अदालत कक्ष संख्या एक के सामने एक बरामदा बनाने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे यूनेस्को के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं होगा।

केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने कहा था कि वह ‘चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स’ के विश्व धरोहर का दर्जा खोने की आसन्न संभावना से चिंतित है, जिसे प्रसिद्ध वास्तुकार ली कोर्बूजिए ने डिजाइन किया था। कोर्बूजिए ने पूरे चंडीगढ़ शहर की योजना बनाई थी। ‘चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स’ में विधानसभा, उच्च न्यायालय और सचिवालय शामिल हैं।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा 2024 और 2025 में दिए गए आदेशों के खिलाफ चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा दायर अपील पर अपना फैसला सुनाया। पीठ ने कहा, ‘‘उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, हमारा मानना ​​है कि न्यायालय के कक्ष संख्या दो से नौ तक के सामने पहले से मौजूद ‘बरामदों’ की डिजाइन के अनुरूप न्यायालय के कक्ष संख्या एक के सामने ‘बरामदा’ के निर्माण का निर्देश देने वाला उच्च न्यायालय का निर्णय पूरी तरह से न्यायोचित है और यह यूनेस्को के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करेगा।’’

पीठ ने कहा कि ‘बरामदा’ के निर्माण के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

इसने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया, जो चंडीगढ़ की ओर से पेश हुए और कहा कि उच्च न्यायालय के 29 नवंबर, 2024 के आदेश के अनुपालन में बरामदे के प्रस्तावित निर्माण को लेकर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन का सैद्धांतिक रूप में कोई झगड़ा नहीं है।

पीठ ने कहा कि मेहता के मुताबिक एकमात्र चिंता यह थी कि यदि विश्व धरोहर समिति, यूनेस्को से अपेक्षित अनुमति प्राप्त किए बिना बरामदे का निर्माण किया गया तो भवन अपना उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य और परिणामस्वरूप विश्व धरोहर का दर्जा खो सकता है।

वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया इस मामले में न्याय मित्र के रूप में पेश हुए, जबकि वरिष्ठ वकील निधेश गुप्ता उच्च न्यायालय प्रशासन की ओर से पेश हुए।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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