कानपुर (उप्र) चार जून (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि किसी भी व्यापारिक संगठन का उद्देश्य केवल कुछ लोगों के हित के लिए कार्य करने का नहीं बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास में भागीदार बनने का होना चाहिए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को ‘मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश’ के 90वें वर्ष के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे ।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि मर्चेंट्स चेम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश महिला सशक्तीकरण और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है।’’
राष्ट्रपति ने कहा,‘‘गंगा के किनारे स्थित होने के कारण कानपुर प्राचीन काल से ही उद्योग व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। कानपुर की महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति और गंगा नदी के रूप में सुलभ यातायात के साधन को देखते हुए अंग्रेज सरकार ने भी यहां पर उद्योगों को बढ़ावा दिया जिससे इस शहर की पहचान‘मैंचेस्टर ऑफ द ईस्ट’ और ‘लेदर सिटी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में बनी, लेकिन यही औद्योगिक विकास कानपुर और गंगा के प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए प्रयत्नशील है, लेकिन इस मिशन की सफलता के लिए सभी का सहयोग मिलना बहुत आवश्यक है इसलिए यहां के उद्योग और व्यापार जगत से यह अपेक्षा की जाती है कि वे प्रदूषण की समस्या को मिटाने में सहयोग करते हुए कानपुर और गंगा को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ आज जलवायु परिवर्तन एक विकराल समस्या के रूप में हमारे सामने है। अगर इस चुनौती से निपटने के प्रयास हम अभी से नहीं करेंगे तो वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियां भी अनेक कठिनाइयों का सामना करेगी।’’
उन्होंने कहा कि इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सीओपी-26 शिखर सम्मेलन में घोषणा की है , वर्ष 2030 तक भारत अपने कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन से कम करेगा और साल 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास करेगा, लेकिन इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उद्योग जगत का सहयोग बहुत ही जरूरी है।
उन्होंने कहा कि विश्वभर की अनेक कंपनियां शून्य कार्बन अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा,‘‘ मैं यहां पर उपस्थित उद्योग जगत के सभी प्रतिनिधियों से अपेक्षा करूंगा कि वे न सिर्फ वर्तमान में चल रहे उद्योगों में प्रदूषण कम करने की दिशा में कार्य करेंगे बल्कि ऐसे नए उद्योगों को स्थापित करने में भी सहयोग करेंगे जो पर्यावरण के अनुकूल हों।’’
कोविंद ने कहा, ‘‘मैं आप लोगों से उम्मीद करता हूं कि आप लोग गांवों में जाएंगे और ग्रामीणों के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देंगे। आप लोग व्यक्तिगत रूप से या समूह बना कर गांवों को गोद ले सकते हैं और उनके सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकते हैं।
भाषा जफर पारुल शोभना
शोभना
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