नवगांवः नवगांव प्रशासन ने रविवार को पांच परिवारों के घरों को गिरा दिया. उनके ऊपर पुलिस स्टेशन को आग लगाने का आरोप था.
शनिवार को कथित रूप से एक आदमी की पुलिस स्टेशन में मौत हो जाने पर भीड़ ने बताद्रावा पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया था.
पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने कहा, ‘हम लोग आरोपों की जांच कर रहे हैं. पुलिस स्टेशन पर हमला करने वालों में से तीन को नजरबंद कर लिया गया है. घटना में दो पुलिसवालों को चोटें भी आई हैं.’
इस बीच असम पुलिस ने बताद्राबा पुलिस स्टेशन पर इंचार्ज अधिकारी को निलंबित कर दिया है ताकि शफीकुल इस्लाम के मौत की निष्पक्ष जांच हो सके.
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महांता ने कहा, ‘हम शफीकुल की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को गंभीरता से लेते हैं और हमने बताद्राबा थाना के ओसी को निलंबित कर दिया है. हम हमारी तरफ से कोई गलती हुई होगी तो हम उसका पता करके दोषी को सजा अवश्य देंगे. इसमें कोई दो राय नहीं है.’
उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन पर संगठित तौर पर हमला किया गया था.
आगे डीजीपी ने कहा, ‘स्थानीय बुरे तत्त्वों ने कानून को अपने हाथों में लिया और थाने में आग लगा दी. ये तत्त्व महिला, पुरुष, जवान और बूढ़े हर उम्र के थे. लेकिन जिस तैयारी के साथ संगठित तरीके से वे आए थे उसने हमको गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया है. ये उनके दुखी परिवाजन या रिश्तेदार नहीं थे बल्कि ये बुरे तत्त्व थे जिनके थानों में क्रिमिनल रिकॉर्ड्स हैं.’
पुलिस ने कहा कि पुलिस स्टेशन की आग सिर्फ क्रिया-प्रतिक्रिया का मामला नहीं था और इसकी विस्तृत जांच की जाएगी.
पुलिस महानिदेश महांता ने कहा, ‘यहां तक कि हम लोग उन तत्त्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे जो समझते हैं कि पुलिस स्टेशन को आग लगाने के बाद वे भारतीय न्याय प्रणाली से बच कर निकल जाएंगे. हम ऐसा होने नहीं देंगे. यह सभी असामाजिक और आपराधिक तत्त्वों के लिए एक चेतावनी है.’
यह भी पढ़ेंः कल्याणपुरी में ध्वस्तीकरण अभियान में बाधा डालने को लेकर आप विधायक हिरासत में: पुलिस