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मंगलवार, 22 अप्रैल, 2025
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सीबीएसई अधीक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने का आरोपी और गिरोह का सरगना गिरफ्तार

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देहरादून, 22 अप्रैल (भाषा) देहरादून पुलिस ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में अधीक्षक के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने के आरोप में बिहार के एक युवक और उसे परीक्षा देने के एवज में मोटी रकम देने का वादा करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि सीबीएसई अधिकारियों की शिकायत के आधार पर झारखंड के धनबाद के अभ्यर्थी गौतम कुमार पासवान (36) की जगह परीक्षा देने के आरोप में बिहार के रोहतास जिले के निवासी आयुष कुमार पाठक को गिरफ्तार किया गया।

उसने बताया, ‘‘आयुष से पूछताछ में पता चला कि परीक्षा में शामिल होने के एवज में बिहार के नालंदा जिले के राजगीर निवासी प्रणव कुमार ने रुपये देने का वादा किया था। पुलिस ने प्रणव को भी गिरफ्तार कर लिया जो इस तरह परीक्षा दिलवाने वाले गिरोह सरगना है।’’

पुलिस ने बताया कि पासवान अभी गिरफ्त से बाहर है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीएसई द्वारा रविवार को ओएनजीसी केंद्रीय विद्यालय में अधीक्षक के पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी थी जिसमें शाम की पाली में शामिल हुए पासवान नाम के अभ्यर्थी के आधार कार्ड का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हुआ।

उसने बताया कि उसे संदिग्ध मानते हुए सीबीएसई अधिकारियों को सूचित किया गया जिनके मौके पर पहुंचकर उसके अभिलेखों की छानबीन करने तथा सख्ती से पूछताछ करने पर मामले का खुलासा हुआ।

केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी के केंद्र अधीक्षक जयकृष्ण ने पुलिस कोतवाली छावनी में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पाठक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने बताया कि पाठक फिलहाल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है।

उसने बताया, ‘‘पूछताछ में पाठक ने बताया कि लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात कुमार से हुई थी जो लंबे समय से बिहार और झारखंड के युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने का ठेका लेकर उनसे मोटी धनराशि वसूलता था और उनके स्थान पर परीक्षा देने वाले युवकों को भी अच्छी खासी राशि देता था।’’

पुलिस ने कहा, ‘‘पाठक ने बताया कि इससे पहले में भी प्रणव के कहने पर उसने दो अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दी है जिसके एवज में प्रणव ने उसे अच्छी खासी रकम दी थी। इस परीक्षा में शामिल होने के एवज में भी प्रणव ने उसे तीन लाख रुपये देने का वादा किया था।’’

उसने कहा, ‘‘रविवार को कुमार पाठक को लेकर देहरादून आया तथा उसे पासवान का प्रवेश पत्र देते हुए ऑटो से परीक्षा केन्द्र पहुंचाया और स्वयं एक होटल में रुक गया।’’

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के कारण पाठक के होटल नहीं लौटने पर कुमार उसे ढूंढने के लिए पैदल ही परीक्षा केंद्र की ओर चल दिया तभी पुलिस ने उसे भी गिरफतार कर लिया।

उसने बताया कि कुमार के पास से अभ्यर्थी पासवान से लिए एक लाख रुपये तथा तीन मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं।

पुलिस के अनुसार पूछताछ में कुमार ने बताया कि सीबीएसई अधीक्षक भर्ती परीक्षा में पास कराने के लिए उसने पासवान से 10 लाख रुपये में सौदा किया था।

उसने कहा, ‘‘पासवान ने उसे परीक्षा से पहले एक लाख नकद तथा 25 हजार रुपये पेटीएम के माध्यम से दिये जबकि आठ लाख 75 हजार रुपये नियुक्ति के बाद देना तय हुआ।’’

पुलिस के अनुसार, ‘‘कुमार ने बताया कि वह ऑनलाइन फार्म भरते समय ही अभ्यर्थी का तथा उसके स्थान पर परीक्षा देने वाले युवक की फोटो को मिलाकर एक ऐसा फोटो तैयार करता था जो दोनों से मेल खा जाता। इसके बाद वह उस फोटो को फार्म पर प्रवेशपत्र हेतु अपलोड कर देता।’’

पुलिस ने कहा, ‘‘पूछताछ में बताया कि अभ्यर्थियों की पहचान के लिए वह उसी फोटो से एक पैनकार्ड भी बना देता था जो परीक्षा केंद्र में आईडी के तौर पर काम आता।’’

उसने बताया कि सीबीएसई की इस परीक्षा में बायोमेट्रिक होने के कारण आरोपी को पकड़ लिया गया जबकि इससे पहले किसी परीक्षा में वे नहीं पकड़े गए।

पुलिस ने बताया कि कुमार ने अन्य युवकों को भी ऐसी ही परीक्षाओं में बैठाने की बात कबूल की है जिसमें से आठ से दस लोगों का बिहार, झारखंड तथा रेलवे तथा अन्य केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन भी हो चुका है।

भाषा दीप्ति खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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