नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने निष्पक्ष सुनवाई की संवैधानिक गारंटी को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि किसी आरोपी को जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एकत्र किए गए दस्तावेजों और बयानों की प्रति पाने का हक है।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लिये जाने के बाद, मामले से निपटने वाले विशेष न्यायाधीश को निर्देश देना चाहिए कि प्रक्रिया के साथ-साथ शिकायत और दस्तावेजों की एक प्रति आरोपी को दी जाए।
इसमें कहा गया, ‘‘जांच अधिकारी ने जिन बयानों, दस्तावेजों, भौतिक वस्तुओं पर भरोसा नहीं किया है, उनकी सूची की प्रति भी आरोपी को दी जानी चाहिए।’’
यह फैसला धनशोधन के एक मामले में आरोपी सरला गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर आया।
उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि अभियोजन पक्ष सुनवाई के पूर्व के स्तर में दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए बाध्य नहीं है।
भाषा वैभव सुरेश
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