ठाणे, चार मई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने एक सड़क दुर्घटना में घायल हुई 26 वर्षीय महिला को 8.8 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है।
एमएसीटी के सदस्य एस एन शाह ने ऑटो रिक्शा मालिक और बीमा कंपनी को एक माह के भीतर यह राशि महिला को अदा करने का निर्देश दिया।
इस आदेश की प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई, जबकि यह आदेश 29 अप्रैल को पारित हुआ था।
यह दुर्घटना नौ दिसंबर, 2021 को उस समय हुई थी जब याचिकाकर्ता मोनिका अजय रोकड़े ठाणे शहर में मेट्रो रेल निर्माण कार्य से प्रभावित एक सड़क पर ऑटोरिक्शा से यात्रा कर रही थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि ऑटोरिक्शा तेज गति से चल रहा था और वह एक गड्ढे में पलट गया। उसने बताया कि इस दौरान उसे गंभीर चोटें आईं और चालक ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
घटना के बाद चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 338 (किसी व्यक्ति की जान या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
रोकड़े ने दावा किया कि इस दुर्घटना के कारण वह स्थायी रूप से आंशिक विकलांग हो गई।
बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि ऑटोरिक्शा चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और दुर्घटना के समय वाहन में जरूरत से ज्यादा व्यक्ति सवार थे। हालांकि, बीमाकर्ता ने यह भी स्वीकार किया कि वाहन का प्रासंगिक अवधि के दौरान बीमा था।
न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी के विरोधाभासी रुख को गंभीरता से लिया और यह भी कहा कि कंपनी अपने दावों के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी।
न्यायाधिकरण ने कहा कि यह दुर्घटना ‘दुर्घटनाग्रस्त वाहन के चालक की लापरवाही’ के कारण हुई और उस समय वाहन बीमाकृत था।
न्यायाधिकरण ने ऑटोरिक्शा के मालिक और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से 8.84 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया।
भाषा राखी सिम्मी
सिम्मी
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.