ठाणे, 12 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने मारपीट करने और जातिसूचक टिप्पणी करने के आरोपी एक दंपति को उचित सबूतों के आभाव में बरी कर दिया है।
विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एस भागवत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। साथ ही उन्होंने प्रस्तुत साक्ष्य में विसंगतियों की ओर भी इशारा किया।
अदालत ने यह आदेश 10 सितंबर को सुनाया जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 दिसंबर 2020 को आरोपियों ने ठाणे शहर के कावेसर इलाके में शिकायतकर्ता की ज़मीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। दंपति ने कथित तौर पर जातिगत टिप्पणी की, शिकायतकर्ता की मां के साथ मारपीट की और उसे जान से मारने की धमकी दी।
अदालत ने गवाहों की गवाही में विसंगतियां पाईं। अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष की गवाह ने कथित तौर पर दी गई गालियों के बारे में कोई पुष्टि नहीं की… उसने केवल यह गवाही दी कि अभियुक्तों ने उनसे ‘एक्स एक्स एक्स’ कहा, जिसे गाली नहीं कहा जा सकता।’’
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि सभी गवाह शिकायतकर्ता के रिश्तेदार थे और किसी भी स्वतंत्र गवाह से पूछताछ नहीं की गई।
दंपति को बरी करते हुए न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष कथित अपराधों के लिए आरोपियों के खिलाफ उचित संदेह से परे अपना मामला साबित करने में विफल रहा है।’’
भाषा शोभना वैभव
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