जबलपुर (मध्य प्रदेश), पांच मार्च (भाषा) जबलपुर स्थित उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान (टीएफआरआई) सागौन के पेड़ों में कीट नियंत्रण के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के वन विभागों को ट्राइको कार्ड के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करना चाहता है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
टीएफआरआई केंद्र सरकार के भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के तहत आने वाले आठ क्षेत्रीय संस्थानों में से एक है।
संस्थान के निदेशक डॉ. जी राजेश्वर राव ने कहा, “टीएफआरआई मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के वन विभागों को वन क्षेत्रों में सागौन के पेड़ों में कीट नियंत्रण के लिए ट्राइको कार्ड के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करने का इच्छुक है।”
उन्होंने कहा, “इन राज्यों में प्राकृतिक और रोपे गए सागौन के पेड़ों से आच्छादित बड़ा वन क्षेत्र है। इसलिए हम लाइसेंस समझौते के तहत ट्राइको कार्ड उत्पादन की तकनीक को संबंधित राज्यों के वन विभागों को हस्तांतरित करना चाहते हैं।”
राव ने बताया कि टीएफआरआई ने दो ट्राइको कार्ड विकसित किए हैं, जिनमें से एक परजीवी ट्राइकोग्रामा और दूसरा परजीवी कैंथेकोना फरसेलाटा है। उन्होंने दावा किया कि ये दोनों कार्ड सागौन के पेड़ों को कीटों से मुक्त रखने में काफी कारगर हैं।
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