scorecardresearch
रविवार, 1 जून, 2025
होमदेशरासायनिक, परमाणु हमलों से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए तृतीयक स्तर के केंद्र स्थापित किए जाएंगे

रासायनिक, परमाणु हमलों से प्रभावित लोगों के उपचार के लिए तृतीयक स्तर के केंद्र स्थापित किए जाएंगे

Text Size:

(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु घटनाओं या हमलों की जद में आने से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए पहली बार दो तृतीयक स्तर के केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य भोपाल गैस त्रासदी, विशाखापत्तनम एचपीसीएल रिफाइनरी विस्फोट, तुगलकाबाद गैस रिसाव, कानपुर अमोनिया गैस रिसाव और अन्य औद्योगिक दुर्घटनाओं से उत्पन्न होने वाली चिकित्सकीय आपात स्थिति का प्रबंधन करना है।

तमिलनाडु के चेन्नई स्थित स्टेनली मेडिकल कॉलेज और एम्स के झज्जर परिसर में ये दो रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) केंद्रों की स्थापना करने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।

सूत्रों ने बताया कि एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड (एचआईटीईएस) ने स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा विभाग जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र जैसे संबद्ध संगठनों के विशेषज्ञों के परामर्श से यह परियोजना रिपोर्ट तैयार की है।

ये दोनों प्रतिष्ठान 230 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से डेढ़ साल में स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में 50 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की योजना है। इसमें चार बिस्तरों वाला एक अस्थि मज्जा प्रतिरोपण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।

इसके अलावा, सरकार गुजरात, झारखंड, तमिलनाडु, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सात द्वितीयक स्तर के सीबीआरएन चिकित्सा प्रबंधन केंद्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसे केंद्र स्थापित करने का मकसद सीबीआरएन मामलों को संभालने की सुविधाओं के साथ असैन्य क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत करना है।’’

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments