नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कश्मीर में आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में हाल में गिरफ्तार किए गए एक पूर्व पुलिस अधीक्षक से आमना-सामना कराने के लिए कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और दो अन्य को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया।
एनआईए ने अपने पूर्व पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। यह मामला भारत में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश और अंजाम देने में मदद करने के लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेटवर्क के प्रसार से संबंधित है।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने आरोपियों-मुनीर अहमद चौधरी, अर्शिद अहमद टोंच और परवेज को पूछताछ के लिए 25 फरवरी तक एनआईए की हिरासत में भेज किया। यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरी राय है कि नेगी की गिरफ्तारी के बाद इन आरोपियों से संबंधित कुछ नई सामग्री की जांच की जानी चाहिए और साथ ही इन आरोपियों के साथ उसके संबंध एवं साजिश की गहराई का पता लगाए जाने की जरूरत है।’’
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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