scorecardresearch
Wednesday, 13 November, 2024
होमदेशमोदी सरकार ने कृषि कानूनों को 'सस्पेंड' करने का प्रस्ताव दिया, किसानों के जवाब का इंतजार

मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को ‘सस्पेंड’ करने का प्रस्ताव दिया, किसानों के जवाब का इंतजार

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारी बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और 22 जनवरी को उम्मीद है कि कोई हल निकलेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में हुई किसानों और केंद्र सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब अगले दौर की बातचीत 22 जनवरी को तय की गई है.

वार्ता के बाद एक किसान नेता ने कहा, ‘सरकार डेढ़ साल के लिए कानूनों को सस्पेंड करने के लिए तैयार है.’

उन्होंने कहा कि इसके जवाब में किसानों ने कहा कि कानूनों को सस्पेंड करने का सवाल ही नहीं उठता बल्कि हमने ये स्पष्ट कहा है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए.

ऑल इंडिया किसान सभा के हन्नान मोलाह ने कहा कि सरकार अदालत में एक हलफनामा दायर कर कानूनों को डेढ़ साल तक निलंबित करने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि एमएसपी और कानूनों पर एक समिति बनाई जाएगी और वे समिति की सिफारिशों को लागू करेंगे. हम कल एक बैठक करेंगे और प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे.

मोलाह ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि किसानों पर एनआई द्वारा दायर किए गए झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए. जिसके जवाब में सरकार ने इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है और जिन नेताओं पर मामले दर्ज हुए हैं उनके नाम मांगे हैं.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है. सरकार 1-1.5 साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करें और समाधान ढूंढे.

तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारी बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और 22 जनवरी को उम्मीद है कि कोई हल निकलेगा.

किसान पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. अब तक सरकार के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन इस मसले का अभी तक हल नहीं निकला है.

गणतंत्र दिवस पर किसान नई दिल्ली में ट्रैक्टर रैली भी करने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने रैली करने पर कोई भी हस्तक्षेप करने से मना कर दिया और कहा कि ये मामला पुलिस को देखना है. केंद्र सरकार ने भी कोर्ट से अपनी दायर याचिका वापस ले ली है.


यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ दाखिल याचिका वापस ली


 

share & View comments